भारत की थोक महंगाई (Wholesale Inflation) अक्टूबर 2023 के बाद सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ी है. फरवरी में थोक महंगाई दर (WPI Inflation) 0.2% रही. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी किए गए डेटा के मुताबिक जनवरी में ये 0.27% रही थी. देश की खुदरा महंगाई फरवरी में 5.09% रही है.
मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स में थोक महंगाई जनवरी 2024 में -1.13% के मुकाबले फरवरी 2024 में -1.27% पर रही
प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई जनवरी में 3.84% के मुकाबले फरवरी में 4.49% पर रही
फूड आर्टिकल्स की महंगाई जनवरी में 6.85% के मुकाबले फरवरी में 6.95% पर रही
सब्जियों की महंगाई जनवरी में 19.7% के मुकाबले फरवरी में 19.8% पर रही
नॉन-फूड आर्टिकल्स की महंगाई जनवरी में -6.6% के मुकाबले फरवरी में -6.3% पर रही
तेल व ऊर्जा की महंगाई जनवरी में -0.51% के मुकाबले फरवरी में -1.6% पर रही
इससे पहले फरवरी 2024 में रिटेल महंगाई 5.09% पर रही थी. जनवरी महीने में रिटेल महंगाई 5.10% पर रही थी. यानी मोटे तौर पर देखें तो महंगाई दर में कोई खास बदलाव नहीं आया था. दिसंबर महीने में रिटेल महंगाई 5.69% और नवंबर में ये 5.55% पर रही थी.
ब्लूमबर्ग की ओर से कराए गए सर्वे में एनालिस्ट्स के एक पैनल ने फरवरी में CPI के 5.05% रहने का अनुमान जताया था. सितंबर से लगातार तीन महीनों तक महंगाई रिजर्व बैंक के 4% (+/- 2%) की लक्ष्मण रेखा के अंदर रही है. अक्टूबर में ये 4.87% और सितंबर में ये 5.02% रही थी.
ग्रामीण इलाकों में महंगाई फरवरी में 5.34% रही, जनवरी में भी 5.34% थी. शहरी इलाकों में महंगाई फरवरी में 4.78% और जनवरी में 4.92% थी.