ADVERTISEMENT

रेल लाइन से जुड़ा कश्मीर; चिनाब ब्रिज से गुजरी ट्रेन, जानें दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल की खासियत

भारतीय रेलवे ने USBRL प्रोजेक्ट के तहत कश्मीर घाटी को जोड़ने के लिए उधमपुर और बारामूला के बीच 272 KM लंबी रेलवे लाइन का सफलतापूर्वक निर्माण का काम किया है
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी03:27 PM IST, 21 Jun 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

टभारतीय रेलवे ने गुरुवार को इतिहास रचते हुए जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में दुनिया के सबसे ऊंचे आर्च रेल ब्रिज, चिनाब पुल (Chenab Bridge) पर आठ कोच वाली 'मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (MEMU)' ट्रेन का सफलतापूर्वक ट्रायल रन किया. इससे कश्मीर में रियासी से बारामूला तक रेल सेवा शुरू होगी

यहां देखें पुल की खास तस्वीरें और वीडियो:

जानें प्रोजेक्ट से जुड़ी ऐतिहासिक बातें:

  • रेल मंत्रालय ने कहा कि चिनाब नदी पर दुग्गा (Dugga) और बक्कल (Bakkal ) स्टेशनों के बीच पुल को पार करने वाली ये पहली पूरी ट्रेन है.

  • लागत: चिनाब रेल पुल कुल 1486 करोड़ रुपये की लागत से बना है. पुल के निर्माण में IIT, DRDO और जियोलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) सहित कई बड़े संस्थानों ने भी सहयोग किया है.

  • ऊंचाई-लंबाई और ट्रेन की रफ्तार: चिनाब पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है. इसकी ऊंचाई नदी तल से 359 मीटर है, ये एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ज्यादा है. चिनाब पुल की कुल लंबाई 1.3 किलोमीटर है. इस पुल पर ट्रेन 100 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है.

  • पहला चरण: UPA सरकार ने प्रोजेक्ट के पहले चरण की शुरुआत की थी, जो 118 किलोमीटर लंबे काजीगुंड-बारामूला सेक्शन में फैला है.

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 फरवरी को 48.1 किलोमीटर लंबे बनिहाल-संगलदन सहित उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था. ये पुल इसी लिंक का हिस्सा है.

40 KM/H की रफ्तार से हुआ ट्रायल रन

रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'उत्तर रेलवे और कोंकण रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा चिनाब पुल के निरीक्षण के बाद रामबन जिले के संगलदान और रियासी के बीच 46 किलोमीटर लंबी इलेक्ट्रिक लाइन पर 40 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से ट्रायल रन किया गया.'

रेल मंत्रालय ने बताया कि यात्रा दोपहर 12:35 बजे सांगलान से शुरू हुई और दोपहर 2:05 बजे रियासी पहुंची. ट्रेन 9 सुरंगों से होकर गुजरी, जिनकी कुल लंबाई 40.787 किमी है, जिसमें सबसे लंबी सुरंग, T-44, 11.13 km लंबी है.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी ट्रेन के ट्रायल रन के बारे में जानकारी साझा की.

रेल मंत्रालय ने कहा, 'इस तरह के कई ट्रायल रन के बाद, पुल सभी ट्रेनों को चलने के लिए खोल दिया जाएगा, जो जम्मू और कश्मीर घाटी के लिए एक अहम कदम होगा.'

ट्रेन जब रियासी (Reasi) रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए इकट्ठे हुए लोगों में 'भारत माता की जय' के नारे गूंज रहे थे. ट्रायल रन के दौरान प्रोजेक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों ने ट्रेन में यात्रा की.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT