नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) या कहें जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) पर हवाई जहाजों की आवाजाही बहुत जल्द शुरू होने वाली है, क्योंकि एयरपोर्ट का काम अब अपने अंतिम चरण में है. उम्मीद की जा रही है कि यात्रियों के लिए सेवाएं इसी साल अक्टूबर से शुरू हो जाएंगी.
इस एयरपोर्ट के बनने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट से यात्रियों का बोझ काफी हद तक कम होगा. लेकिन सवाल ये है कि जेवर एयरपोर्ट तक दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के लोग पहुंचेंगे कैसे. क्योंकि अभी दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने में कम से कम 1 घंटे का समय लगता है और कई बार ट्रैफिक की वजह से ये सफर 2 घंटे से भी ज्यादा हो जाता है. ऐसे में क्या जेवर एयरपोर्ट उन लोगों के लिए सहूलियत भरा होगा, जो फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट की बजाय नोएडा एयरपोर्ट को चुनें, इसी को ध्यान में रखते हुए कनेक्टिविटी पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया गया है.
जेवर एयरपोर्ट को 6 रोड और एक रैपिड रेल-मेट्रो से जोड़ा जाएगा, इसके अलावा पॉड टैक्सी भी चलाई जाएंगी. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में दिल्ली एयरपोर्ट और गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस के बाद ये तीसरा एयरपोर्ट होगा, जो कि पूरा होने के बाद भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट कहा जा रहा है.
सरकार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है, जेवर एयरपोर्ट को उससे कनेक्ट किया जाएगा, इसके लिए 31 किलोमीटर का एक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है. इस सड़क के जरिए यात्री जो जेवर ये दिल्ली एयरपोर्ट या फिर हरियाणा के शहरों में जाएंगे उनका काफी वक्त बचेगा. ये सड़क जेवर एयरपोर्ट को हरियाणा के बल्लभगढ़ से भी जोड़ेगी. बल्लभगढ़ से ही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का जेवर एयरपोर्ट से लिंक होगा.
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के CEO अरुण वीर सिंह ने बताया कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी (NHAI) भी 750 मीटर-8 लेन की सड़क बना रही है, जो एयरपोर्ट को एक्सप्रेसवे से जोड़ेगी, जिसमें से 4 लेन को 15 जून को शुरू कर दिया जाएगा, बाकी 4 लेन को 15 अगस्त से खोला जाएगा.
इसके अलावा तीन और एयरपोर्ट कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स का काम भी NHAI को दिया गया है. अरुण वीर सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट के उत्तर और पूर्व की ओर 63 करोड़ रुपये की लागत से 8.2 किलोमीटर लंबी और 30 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जा रही है और इसके आठ महीने में तैयार होने की उम्मीद है.
ये सड़क एयरपोर्ट कार्गो टर्मिनल को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ेगी. उन्होंने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे से नोएडा एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए एक VIP एक्सेस रोड भी बनाई जाएगी. इसका इस्तेमाल VIP और इमरजेंसी के हालातों में किया जाएगा.
रैपिड रेल-कम-मेट्रो रेल की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को मंजूरी दे दी गई है और फंडिंग पैटर्न की सिफारिश के लिए सरकार को भेज दी गई है. पॉड टैक्सी और मोनोरेल के लिए एक स्टीड की जा रही है, जिसमें दो साल तक का समय लग सकता है.