केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है और उनके इस संकल्प को साकार करने के लिए केंद्र सरकार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए पानी, एनर्जी, परिवहन और संचार 4 प्रमुख स्तंभ है, इन्हें डेवलप करने से देश का विकास सुनिश्चित होगा.
मंगलवार को जयपुर एग्जीबिशन और कन्वेंशन सेंटर में ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 'राइजिंग राजस्थान' के दूसरे दिन 'इन्फ्रास्ट्रक्चर' पर केंद्रित सेशन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने राजस्थान के लिए 30,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 800 किलोमीटर लंबी 9 परियोजनाओं की घोषणा की. उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान का सूरज आने वाले वर्षों में और ज्यादा चमकेगा.
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने जिन 9 परियोजनाओं की घोषणा की, उनमें 6,500 करोड़ रुपये की लागत से उत्तरी जयपुर रिंग रोड, 6,800 करोड़ रुपये की लागत से कोटपूतली से आगरा ग्रीनफील्ड हाइवे और 12,000 रुपये हजार करोड़ की लागत से जयपुर-किशनगढ़-जोधपुर से अमृतसर ग्रीनफील्ड हाइवे निर्माण शामिल है.
इन प्रोजेक्ट्स के अलावा 538 करोड़ रुपये की लागत से पाली में रायपुर से जस्साखेड़ा तक एलिवेटेड रोड, 1,400 करोड़ रुपये की लागत से नागौर से नेत्रा तक सड़क निर्माण, 500 करोड़ रुपये से सीकर-लक्ष्मणगढ़-फतेहपुर में बाइपास, 1,400 करोड़ रुपये की लागत से झुन्झुनूं-चिड़ावा-सिंघाना-पचेरी सड़क निर्माण, 600 करोड़ रुपये की लागत से सिंघाना-खेतड़ी-जसरापुर-नगलीसलेदी-भाटीवाड़ सड़क निर्माण और 400 करोड़ रुपये की लागत से कुंडल-झाड़ौद खंड के भू-स्खलन क्षेत्र में सुधार कार्य शामिल हैं.
हाईवे मैन ऑफ इंडिया कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ उदाहरणों के जरिये बताया कि कैसे समय से पहले काम कर NHAI ने सरकार के पैसे भी बचाए. उन्होंने कहा, 'एशिया की सबसे लंबी सुरंग 'जोजिला टनल' की अनुमानित लागत 12,000 करोड़ रुपये थी. इसका 75% काम हमने मात्र 5,600 करोड़ रुपये में पूरा कर लिया और इस तरह कई हजार करोड़ रुपये बचाए गए.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'राजस्थान के आदिवासी जिलों से दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के गुजरने से इन जिलों का विकास तेजी से होगा और इन क्षेत्रों की औद्योगिक क्षमता को खोलने में मदद मिलेगी.' उन्होंने कहा कि एक कुशल परिवहन प्रणाली, इंफ्रास्ट्रक्चर के सेक्टर में चार प्रमुख स्तंभों में से एक है. इससे इन्वेस्टमेंट फ्लो, एसेट बनाने और नौकरी के अवसर बनाने में मदद मिलती है.
केंद्रीय मंत्री के संबोधन से पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, सिंचाई परियोजना और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में हमारी डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर की तस्वीर बदल रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बुनियादी रोड सिस्टम को विकसित करने में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का विशेष सहयोग रहा है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का 58% हिस्सा राजस्थान में है, इसलिए देश के 40% बाजारों तक हमारी सीधी पहुंच है. उन्होंने बताया कि देश का तीसरा सबसे बड़ा हाईवे नेटवर्क, राजस्थान में है, जो देश के प्रमुख शहरों और औद्योगिक केंद्रों को सीधे जोड़ता है. प्रदेश में 3 लाख किलोमीटर से अधिक लंबा रोड नेटवर्क है.