तीसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट मीटिंग (First Cabinet Meeting) में मोदी सरकार (Modi Government) ने इंफ्रा से जुड़े बड़े फैसले लिए हैं. सबसे खास ये रहा कि दहानू में वधावन पोर्ट को मंजूरी दे दी गई है. ये ऑल वेदर पोर्ट 76,200 करोड़ रुपये की भारी-भरकम लागत से बनाया जाएगा. जानते हैं पोर्ट के बारे में कुछ खास बात.
खास ये है कि जब पोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा तो ये दुनिया के 10 सबसे बड़े पोर्ट्स में शामिल होगा. गुजरात सीमा के पास महाराष्ट्र के पालघर में स्थित दहानू एक रणनीतिक जगह पर स्थित है. इससे मुंबई के आसपास इंफ्रा को बल मिलेगा, साथ ही पहले से मौजूद पोर्ट्स पर भार कम होगा. इतना ही नहीं, इस पोर्ट के बनने से 12 लाख नए रोजगार का सृजन होगा.
दरअसल नए पोर्ट को वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड डेवलप करेगी. ये JNPA (74% हिस्सेदारी) और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (24% हिस्सेदारी) का ज्वाइंट वेंचर है. कुल मिलाकर पोर्ट का निर्माण दो चरणों में होगा.
पोर्ट की कुल क्षमता 298 मिलियन मीट्रिक टन/सालाना होगी. इसमें 23.2 मिलियन TEUs की कंटेनर हैंडलिंग कैपेसिटी होगी.
जैसा ऊपर बताया पूरे प्रोजेक्ट में 76,220 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इस लागत में भूमि अधिग्रहण की लागत भी शामिल होगी. इसमें कोर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ टर्मिनल्स और PPP मॉडल पर बनाए जाने वाले दूसरे कमर्शियल इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल होंगे.
पोर्ट में 9 कंटेनर टर्मिनल होंगे, हर एक टर्मिनल 1000 मीटर लंबा होगा, जिसमें चार मल्टीपर्पज बर्थ होंगी. इनमें कोस्टल बर्थ, फोर लिक्विड कार्गो बर्थ, एक Ro-Ro बर्थ और एक कोस्ट गार्ड बर्थ होगी.
इस प्रोजेक्ट के तहत 1,448 एकड़ क्षेत्र को सी-रीक्लेमेशन के जरिए हासिल किया जाएगा. साथ ही 10.14 किलोमीटर का ऑफशोर ब्रेकवाटर और कंटेनर/कार्गो एरिया बनाया जाएगा.
दरअसल ये प्रोजेक्ट सरकार की PM गतिशक्ति योजना कार्यक्रम के अनुरूप भी है. इससे आर्थिक गतिविधियां और तेज होंगी.