सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को डेढ़ दिन तक चली विस्तृत सुनवाई के बाद बायजूज के इन्सॉल्वेंसी विवाद में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि कर्ज में डूबी एड-टेक फर्म के क्रेडिटर कमिटी को इस बीच कोई बैठक बुलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
BCCI के साथ बायजू 158 करोड़ रुपये के सेटलमेंट को NCLAT से मिली मंजूरी मिली थी, जिस पर 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी.
पिछले महीने 158 करोड़ रुपये के बकाए को लेकर एपीलेट ट्रिब्यूनल NCLAT ने सेटलमेंट को हरी झंडी दी थी, इससे ये लगा था कि बायजूज के खिलाफ इनसॉल्वेंसी का मामला यहीं खत्म हो जाएगा. सेटलमेंट के मुताबिक बायजूज को BCCI के साथ अपने बकाया का सेटलमेंट करना होगा, जिसका भुगतान 2 अगस्त और 9 अगस्त को देना तय किया गया था. NCLAT ने समझौते को मंजूरी देते हुए कहा था कि अगर तय समय के मुताबिक भुगतान नहीं किया गया तो दिवालिया प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी जाएगी.
अमेरिका के कर्जदाता इस सेटलमेंट का विरोध कर रहे थे, क्योंकि सेटलमेंट के लिए जिस पैसे का इस्तेमाल किया गया था, वो उनसे लिया गया था और उसका स्रोत भी सवालों के घेरे में था. पिछले साल जुलाई में बायजू के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी की प्रक्रिया शुरू की गई थी, जब वो BCCI के 158.9 करोड़ रुपये चुकाने में नाकाम रही थी. दिवाला प्रक्रिया के शुरू करने और क्रेडिटर कमिटी के गठन के बाद, अमेरिका के कर्जदाताओं को कमिटी से हटा दिया गया था.
एड-टेक फर्म की परेशानियों को बढ़ाते हुए, डेलावेयर सुप्रीम कोर्ट ने एड-टेक फर्म द्वारा $ 1.2 बिलियन लोन डिफ़ॉल्ट पर US के कर्जदाताओं का समर्थन किया.