दिल्ली हाई कोर्ट ने फ्लिपकार्ट के 'लैचिंग ऑन फीचर' पर कठोर टिप्पणियां की हैं. कोर्ट ने कहा है कि 'फ्लिपकार्ट खरीदारों को प्रोडक्ट के सोर्स के बारे में भ्रमित नहीं कर सकती. कंपनी के 'लैचिंग ऑन' फीचर के तहत फेक प्रोडक्ट नहीं बेचे जा सकते.'
दरअसल इस फीचर के तहत फ्लिपकार्ट थर्ड पार्टी सेलर्स को किसी अन्य ब्रैंड लिस्टिंग में अपने प्रोडक्ट लिस्ट करने की व्यवस्था करती है. इससे ग्राहकों में ब्रैंड आइडेंटिटी से जुड़ा भ्रम फैल सकता है.
कोर्ट ने ये टिप्पणियां Modern Mould Plast द्वारा दायर किए केस में की हैं. मॉडर्न मोल्ड प्लास्ट एक फर्नीचर कंपनी है, जो 'MAHARAJA' ब्रैंड के नाम से सामान बेचती है.
कोई भी सेलर फ्लिपकार्ट में 'लिस्टिंग अपॉर्च्युनिटीज' टैब पर क्लिक कर किसी अन्य बेस्ट सेलिंग प्रोडक्ट के 'More Seller' कैटेगरी में आ सकता है. यही लैचिंग ऑन फीचर है.
कंपनी का कहना है कि अनाधिकृत सेलर्स उनके ब्रैंड नेम की लिस्टिंग के तहत खराब माल की लिस्टिंग कर रहे थे, जिससे उनके ब्रैंड का नाम खराब हो रहा था.
कोर्ट के आदेश के बाद अब फ्लिपकार्ट को अनाधिकृत लिस्टिंग्स को ब्लॉक करना होगा. कोर्ट ने कहा कि अगर कोई भी अनाधिकृत 'लैचिंग ऑन' होती है, तो फ्लिपकार्ट को तुरंत सूचना देनी होगी और कंपनी को इस फीचर का इस्तेमाल रोकना होगा.
इस फीचर पर पहले भी 'V Tradition' ब्रैंड नेम के तहत बिक्री करने वाले आकाश अग्रवाल फ्लिपकार्ट को कोर्ट ले जा चुके हैं. तब दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस प्रतिभा सिंह की सिंगल जज बेंच ने कहा था कि सेलर को ब्रैंड मालिक की सहमति लेना जरूरी है.