ADVERTISEMENT

वित्त मंत्रालय ने सरकारी कंपनियों के लिए डिविडेंड पेमेंट के नियमों में किया बदलाव

वित्त मंत्रालय ने मई 2016 में CPSEs में सरकारी निवेश के कुशल प्रबंधन के लिए '2016 में CPSEs के पूंजी पुनर्गठन' पर दिशानिर्देश जारी किए थे.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी09:01 AM IST, 19 Nov 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

केंद्र सरकार ने सरकारी कंपनियों के लिए डिविडेंड पेमेंट, शेयरों के बायबैक, बोनस शेयर जारी करने, शेयरों के स्प्लिट करने को लेकर नियमों में बदलाव किए हैं. वित्त मंत्रालय ने सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (CPSEs) के लिए विस्तृत गाइडलाइंस जारी की है. ये कदम पिछले कुछ वर्षों में CPSEs की मजबूत बैलेंस शीट और बेहतर मार्केट कैपिटलाइजेशन को देखते हुए उठाया गया है, ताकि सरकार को ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिल सके.

नियमों में क्या बदलाव हैं?

डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेंस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) की ओर से जारी संशोधित गाइडलाइंस के मुताबिक हर एक CPSEs अपने PAT का 30% न्यूनतम सालाना डिविडेंड या फिर नेटवर्थ को 4%, इनमें से जो भी ज्यादा हो उसका भुगतान करेगा.

फाइनेंशियल सेक्टर CPSEs जैसे NBFCs अपनी सीमा के अंदर न्यूनतम 30% सालाना डिविडेंड दे सकते हैं. संशोधित गाइडलाइंस FY2024-25 से लागू होंगी. DIPAM ने इस बात पर जोर दिया कि CPSEs के पूंजी प्रबंधन/रीस्ट्रक्चरिंग से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा DIPAM सेक्रेटरी की अध्यक्षता में इंटर मिनिस्टीरियल फोरम में की जाएगी. जिसका नाम है कमिटी फॉर मॉनिटरिंग ऑफ कैपिटल मैनेजमेंट एंड डिविडेंड बाय CPSEs.

वित्त मंत्रालय ने मई 2016 में CPSEs में सरकारी निवेश के कुशल प्रबंधन के लिए '2016 में CPSEs के पूंजी पुनर्गठन' पर दिशानिर्देश जारी किए थे. मौजूदा दिशानिर्देशों के मुताबिक, CPSE को प्रॉफिट का 30% या नेटवर्थ का 5% न्यूनतम सालाना डिविडेंड का भुगतान करना जरूरी है. साथ ही, शेयर बायबैक का विकल्प चुनने वाले हर एक CPSEs की कम से कम 2,000 करोड़ रुपये की नेट वर्थ और 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश और बैंक बैलेंस होना जरूरी था.

इसके अलावा, बोनस शेयर तब जारी किए जाएंगे अगर CPSE का रिजर्व और सरप्लस उनकी पेड-अप इक्विटी शेयर कैपिटल के बराबर या 10 गुना से ज्यादा है. CPSE, बैंकों और बीमा कंपनियों का संयुक्त मार्केट कैप पिछले तीन वर्षों में 500% से अधिक बढ़ गया है. चालू वित्त वर्ष में, सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से डिविडेंड के रूप में 56,260 करोड़ रुपये इकट्ठा करने का अनुमान लगाया है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT