प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi ) ने दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों, खासतौर पर जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों (multilateral development banks) को मजबूत करने की वकालत की. उन्होंने इस दौरान विकासशील देशों के अस्थिर कर्जों के खतरों से भी आगाह किया.
आज G20 में वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स की बैठक (G20 meeting of the finance ministers and central bank governors) में वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'आप ऐसे वक्त में वैश्विक वित्त और अर्थव्यवस्था की अगुवाई कर रहे हैं, जब पूरी दुनिया गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही है. कोविड-19 जैसी बीमारी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को गहरा झटका दिया. कई देश, खासतौर पर विकासशील अर्थव्यवस्थाएं अभी भी इनका सामना कर रही हैं. हम साथ ही दुनिया में जियो-पॉलिटिकल तनावों को भी बढ़ता हुआ देख रहे हैं.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही दुनिया की आबादी 8 बिलियन के पार चली गई हो, स्थायी विकास के लक्ष्य की तरक्की धीमी होती दिख रही है. हमें बहुपक्षीय विकास बैंकों को शक्तिशाली बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा, ताकि जलवायु परिवर्तन और कर्ज की ऊंची दरों की चुनौतियों से लड़ा जा सके. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय उपभोक्ता और उत्पादक दोनों ही भविष्य को लेकर आशावान और आश्वस्त हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त प्रमुखों के रूप में कर्ज में डूबे विकासशील देशों के खतरों के बारे में जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कई देशों की वित्तीय व्यवहारिकता को अस्थिर कर्जों से खतरा है. उन्होंने कहा कि 'यह अब आप पर निर्भर है - आप दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं और मौद्रिक प्रणालियों के संरक्षक है, आप वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता और विश्वास और विकास को वापस लेकर आएं.
भारत ने पिछले साल दिसंबर में G20 की अध्यक्षता संभाली थी और कई कार्यक्रमों और सम्मेलनों की मेजबानी की थी. वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक भारत की अध्यक्षता में G20 का पहला बड़ा इवेंट है.