AC Scrappage Policy: साल-दर-साल गर्मी बढ़ती जा रही है और बढ़ती गर्मी के बीच कूलिंग का खर्च भी बढ़ता जा रहा है. पंखे और कूलर नाकाफी साबित हो रहे हैं और एयर कंडीशनर (AC) की डिमांड बढ़ती जा रही है. इस डिमांड के साथ बढ़ रही है, बिजली की खपत और धरती का तापमान भी.
ग्लोबल वॉर्मिंग और कार्बन उत्सर्जन पर जारी बहस के बीच केंद्र सरकार एक नई स्कीम पर काम कर रही है. इसके तहत 6 साल से पुराने एयर कंडीशनर (AC) को बदलने पर कंज्यूमर्स को खास इंसेंटिव देने पर विचार किया जा रहा है.
इस स्कीम का मकसद पुराने और ज्यादा बिजली खपत करने वाले AC को हटाकर नई और एनर्जी-एफिशिएंट 5-स्टार रेटिंग वाले AC को बढ़ावा देना है, जिससे आपका बिजली बिल कम होगा और कार्बन उत्सर्जन भी घटेगा. यानी आपके पैसे भी बचेंगे और पर्यावरण के लिए भी ये बेहतर होगा.
ब्लू स्टार के मैनेजिंग डायरेक्टर बी त्यागराजन के मुताबिक, सरकार चाहती है कि ज्यादा बिजली खपत करने वाले AC को बदलकर ज्यादा एनर्जी सेविंग वाले मॉडल लाए जाएं. ब्लू स्टार, गोदरेज, सैमसंग, हैवेल्स (लॉयड्स) और वोल्टास जैसी कंपनियां इस योजना का हिस्सा हो सकती हैं. त्यागराजन ने इस पॉलिसी को लेकर कुछ प्रस्ताव भी दिए हैं.
ये प्रस्तावित AC स्क्रैपेज योजना भारत की वाहन स्क्रैपिंग नीति से प्रेरित दिखती है. 2021 में घोषित इस नीति के तहत, पुराने और प्रदूषणकारी वाहनों को हटाने के लिए प्रोत्साहन दिए जाते हैं. उदाहरण के लिए, पुराने वाहन को स्क्रैप करने पर नया वाहन खरीदने पर पंजीकरण शुल्क में छूट मिलती है. साथ ही, 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों के फिटनेस परीक्षण और नवीनीकरण शुल्क में वृद्धि की गई है ताकि लोग नए, कम प्रदूषणकारी वाहनों की ओर बढ़ें.
सरकार इस स्कीम को लागू करने के लिए कई तरीकों पर विचार कर रही है;
सीधा इंसेंटिव: पुराने AC को स्क्रैप करने का सबूत देने पर उपभोक्ताओं को सीधी रकम मिलेगी.
मैन्युफैक्चरर कंपनियों के जरिए: कंपनियां इस योजना को चलाएंगी और ग्राहकों को छूट देकर पुराने AC बदलेंगी.
ग्रीन क्रेडिट स्कीम: लाइफ प्रोग्राम के तहत पुराने AC के बदले विशेष ग्रीन क्रेडिट दिया जा सकता है.
पुराने AC ज्यादा बिजली खाते हैं, जिससे न सिर्फ आपका बिल बढ़ता है, बल्कि पूरे देश की पावर डिमांड भी तेजी से बढ़ रही है.
AC की डिमांड काफी तेजी से बढ़ रही है. 2024 में AC की रिकॉर्ड 1.4 करोड़ यूनिट सेल हुई, जो 2023 से 27% ज्यादा है.
2030 तक AC का इस्तेमाल 140 गीगावॉट तक पहुंच सकता है, जो कुल पीक लोड का एक-तिहाई होगा.
सरकार और सरकारी उपक्रमों में भी पुराने AC बदलने की जरूरत है, जिसके लिए GeM पोर्टल के इस्तेमाल पर विचार चल रहा है.
ये स्कीम कब तक आ सकती है, इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता. दरअसल, इस स्कीम को प्रभावी बनाने के लिए सरकार अभी इंसेंटिव मॉडल और फंड के सही इस्तेमाल पर चर्चा कर रही है. उम्मीद की जा रही है कि 6 महीने में इस पर अंतिम फैसला हो सकता है. ऐसा हुआ तो ये कंज्यूमर्स के लिए भी बड़ी राहत मिलेगी. इस स्कीम के तहत आपको AC बदलने पर शानदार छूट मिल सकती है!