प्याज के निर्यात (Onion Export) पर प्रतिबंध जारी रहेगा. केंद्र सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों के बीच पिछले साल 8 दिसंबर को ही 31 मार्च तक के लिए प्याज के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी.
दो दिन पहले खबर वायरल हुई कि सरकार ने निर्यात प्रतिबंध हटा दिए हैं और इस बीच प्याज की कीमतें करीब 40% बढ़ गईं. इसके बाद केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग की ओर से बताया गया कि प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन अभी हटाया नहीं गया है.
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने समाचार एजेंसी PTI से कहा, 'प्याज के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध नहीं हटाया गया है. ये प्रतिबंध लागू है और स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया गया है.'
उन्होंने कहा कि कंज्यूमर्स को उचित मूल्य पर प्याज की पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए इसके निर्यात पर बैन 31 मार्च की पूर्व घोषित समय सीमा तक जारी रहेगा.
प्याज के निर्यात पर बैन हटाने की झूठी खबरों के बाद देश की सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी, लासलगांव में 19 फरवरी को इसका थोक बिक्री मूल्य 40.62% बढ़ कर 1,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जो 17 फरवरी को 1,280 रुपये प्रति क्विंटल था.
PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आम चुनावों से पहले 31 मार्च के बाद भी बैन हटाए जाने की संभावना नहीं है, क्योंकि रबी (सर्दियों) प्याज का उत्पादन कम होने की आशंका है. खासतौर पर महाराष्ट्र में रकबा की कम कवरेज होने के कारण रबी प्याज का उत्पादन कम होने की आशंका है.
2023 में रबी सीजन में प्याज का उत्पादन 22.7 मिलियन टन होने का अनुमान था. कृषि मंत्रालय के अधिकारी आने वाले दिनों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में प्याज के रबी फसल का आकलन करेंगे. प्याज पर लगे बैन के बीच अंतर-मंत्रालयी समूह से अप्रुवल के बाद जरूरत के आधार पर मित्र देशों को प्याज के निर्यात की अनुमति दी जाती है.