ADVERTISEMENT

Record Dividend: RBI ने सरकार को दिया 2.11 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड

बीते साल सरकार को 87,416 करोड़ रुपये बतौर डिविडेंड ट्रांसफर किए गए थे.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी04:00 PM IST, 22 May 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

केंद्र सरकार के लिए खुशखबरी है. बैंकों की अच्छी परफॉर्मेंस के चलते RBI ने केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड देने का फैसला किया है. ये केंद्र सरकार के FY24 के लिए 1.04 लाख करोड़ रुपये के टारगेट मुकाबले 102% ज्यादा है.

अब तक का रिकॉर्ड डिविडेंड

RBI की ओर से जारी किए आंकड़ों के मुताबिक, ये अब तक का रिकॉर्ड डिविडेंड है. बीते साल सरकार को 87,416 करोड़ रुपये बतौर डिविडेंड ट्रांसफर किए गए थे. इसके पहले साल 2019 में केंद्र सरकार को रिकॉर्ड 1.8 लाख करोड़ रुपये के करीब डिविडेंड मिला था. साल 2017 में केवल 30,659 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया गया था, जब नवंबर 2016 में केंद्र सरकार ने नोटबंदी लागू की थी.

वेलफेयर स्कीम्स को चलाने में मिलेगी मदद

निर्मल बंग इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज में इकोनॉमिस्ट टेरेसा जॉन (Teresa John) के मुताबिक, 'बड़े डिविडेंड ट्रांसफर से केंद्र के साथ किसी तरह के विनिवेश में आई कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे वेलफेयर प्रोग्राम की फंडिंग में भी मदद मिलेगी'.

RBI अपनी सरप्लस इनकम से सरकार को पेआउट करती है. ये पैसा RBI इन्वेस्टमेंट और डॉलर होल्ड करने पर वैल्यूएशन में बदलाव से कमाती है. इसके साथ ही करेंसी प्रिंट करने पर मिलने वाली फीस भी RBI की आय में शामिल है. RBI को अपनी बैलेंस शीट का 5.5%-6.5% तक कंटिंजेंसी रिस्क बफर को साथ रखकर चलना होता है.

इन सभी चीजों के चलते रिजर्व बैंक की भारी कमाई होती है. इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने अपनी सिक्योरिटीज घरेलू मार्केट और विदेशों में रखी होती है, जिससे भी उसकी कमाई होती है.

IDFC फर्स्ट बैंक में इकोनॉमिस्ट गौरा सेन गुप्ता के नोट के मुताबिक, इस साल फॉरेन एक्सचेंज ट्रांजैक्शन से होने वाली आय कम हो सकती है क्योंकि बीते वित्त वर्ष के मुकाबले इस वित्त वर्ष में ज्यादा डॉलर नहीं बेचे. मार्च 2024 में RBI का फॉरेक्स रिजर्व $67 बिलियन बढ़ा था.

बढ़ते डिविडेंड के चलते वित्त मंत्रालय अपने बॉन्ड की बिक्री में कमी ला सकती है. फरवरी में आए अंतरिम बजट के मुताबिक, FY25 के लिए केंद्र ने बॉन्ड के जरिए 14.13 लाख करोड़ रुपये जुटाने का प्लान रखा है.

बॉन्ड इंडेक्स में जुड़ने से मिलेगा सपोर्ट

JP मॉर्गन के इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स (Emerging Markets Index) में भारतीय बॉन्ड्स को जगह मिली. इसके जरिए रिजर्व बैंक के पास FY25 तक भारतीय बॉन्ड्स में $25 बिलियन का इनफ्लो होने का अनुमान है. इसके जरिए सरकार अपनी पूंजी के न्यूनतम स्तर को पूरा कर सकती है. RBI को इससे बड़ा फायदा होने का अनुमान है.

बार्कलेज में इकोनॉमिस्ट श्रेया सोधानी (Shreya Sodhani) और अमृता घरे (Amruta Ghare) के मुताबिक, बैलेंस शीट के बढ़ने से RBI को इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क को रिवाइज करने की जरूरत पड़ेगी. उन्होंने अभी 1 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड का अनुमान जताया है, लेकिन फ्रेमवर्क रिवाइज होने के बाद ये और भी ज्यादा हो गया है.

उनके मुताबिक, कंटिंजेंसी रिस्क बफर या रिवैल्यूएशन बैलेंस में डायल्यूशन को कम करने से, सरकार को भारी मात्रा में डिविडेंड देने से वित्तीय नुकसान हो सकते हैं.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT