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RBI Policy Meeting: लगातार छठी बार नहीं बदलीं ब्याज दरें, खाद्य महंगाई ने बढ़ाई चिंता

रिजर्व बैंक को खाद्य महंगाई की चिंता अब भी सता रही है. शक्तिकांता दास ने कहा कि CPI महंगाई दर अब भी हमारे लक्ष्य से दूर है, इसलिए हमारा काम अभी खत्म नहीं हुआ है.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी10:11 AM IST, 08 Feb 2024NDTV Profit हिंदी
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RBI Policy Meeting: आपके होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan) या किसी और तरह के लोन की EMI पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने लगातार छठी बार ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है.

ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं, रुख में भी स्थिरता

6-8 फरवरी, दो दिनों तक चली RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक के बाद गुरुवार को रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने रेपो रेट को 6.5% पर ही बरकरार रखने का फैसला किया है.

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि कमिटी के 6 सदस्यों में से 5 ने पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने पर अपनी सहमति जताई है. MPC ने विद्ड्रॉल ऑफ एकोमोडेशन के पक्ष में 5-1 से वोट किया है, यानी रिजर्व बैंक ने अपने रुख में भी कोई बदलाव नहीं किया है. इसके साथ ही स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) दर 6.25% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट और बैंक रेट 6.75% पर बरकरार है. पॉलिसी ऐलानों के दौरान शक्तिकांता दास ने कहा कि महंगाई काबू में आई है, लेकिन काम अभी पूरा नहीं हुआ है.

दिसंबर में रिटेल महंगाई 5.69% रही है, जो कि चार महीने की ऊंचाई है. रिजर्व बैंक ने मई 2022 के बाद ब्याज दरों में लगातार इजाफा करना शुरू किया था, तब से लेकर अबतक 250 bps की बढ़ोतरी की जा चुकी है. फरवरी 2023 में रेपो रेट को आखिरी बार चौथाई परसेंट बढ़ाकर 6.5% किया था, तब से लेकर अबतक रेपो रेट इसी स्तर पर बरकरार है.

खाद्य महंगाई को लेकर अनिश्चतता बरकरार

महंगाई को लेकर रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि अभी काम खत्म नहीं हुआ है. रिजर्व बैंक FY24 के लिए CPI महंगाई का अनुमान 5.4% रखा है, जबकि FY25 के लिए रिटेल महंगाई दर का अनुमान 4.5% रखा है. FY25 की पहली तिमाही में CPI महंगाई दर 5%, Q2 में 4.6%, Q3 में और Q4 में 4.7% रहने का अनुमान जताया है.

रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि महंगाई का अनुमान सामान्य मानसून के अनुमानों पर आधारित है. कोर महंगाई में गिरावट व्यापक आधार पर जारी रही है. महंगाई का ग्राफ फूड इंफ्लेशन के आउटलुक से तय होगा. दास ने कहा कि खाद्य महंगाई दर को लेकर काफी अनिश्चितता है. जियो पॉलिटिकल तनाव बढ़ने से सप्लाई चेन को झटका लग रहा है. सीजनल सब्जियों की कीमतों में सुधार दिख रहा है.

'महंगाई को लेकर काम अभी खत्म नहीं हुआ'

रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि अभी काम खत्म नहीं हुआ है. सप्लाई के मोर्चे से मिल रहे झटकों को लेकह सतर्क रहने की जरूरत है. इस साल हेडलाइन महंगाई दर में काफी अस्थिरता दिखी है और ये अब भी ऊंची बनी हुई है. CPI महंगाई दर का 4% का लक्ष्य अभी हासिल नहीं हुआ है. दास ने कहा कि डिसइंफ्लेशन के अंतिम चरण से निपटने के लिए मॉनिटरी पॉलिसी को सतर्क रहना होगा. दास ने कहा कि अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान हेडलाइन महंगाई घटकर औसतन 5.5% पर आ गई, जो 2022-23 के दौरान 6.7% थी. हालांकि, खाद्य कीमतें ने महंगाई के ग्राफ में उतार-चढ़ाव पैदा किया है

इकोनॉमी में ग्रोथ जारी

रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि भारत सरकार फिस्कल कंसोलिडेशन के रास्ते पर चल रही है. घरेलू आर्थिक गतिविधि मजबूत बनी हुई है. रियल GDP ग्रोथ का FY24 में 7.3% रहने का अनुमान है. गवर्नर ने कहा कि रेजिडेंशियल हाउसिंग की जबरदस्त मांग, सरकारी कैपेक्स पर जोर बढ़ने से निर्माण को बढ़ावा मिला है. शहरी कंजम्पशन मजबूत बना हुआ है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि FY25 में रियल GDP ग्रोथ 7% रहने का अनुमान है.

दास ने कहा कि मजबूत घरेलू मांग और स्थिर वैश्विक संभावनाओं की वजह से सर्विस सेक्टर की गतिविधि में मजबूती रहने की उम्मीद है. जनवरी (2024) में PMI सर्विसेज में तेज ग्रोथ देखने को मिली, जो लगातार मजबूती की ओर इशारा करती है.

रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि अनुकूल परिस्थितियां नहीं होने के बावजूद कृषि क्षेत्र की गतिविधि अच्छी बनी हुई है, रबी की बुआई पिछले साल के स्तर को पार कर गई है. इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग में सुधार से इंडस्ट्रियल एक्टिविटी में भी तेजी आ रही है. रेजिडेंशियल हाउसिंग की बढ़ती मांग के साथ ही सरकारी कैपेक्स पर बढ़ते जोर से मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में तेजी आने की उम्मीद है.

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