भारतीय रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार को 87,416 करोड़ रुपये का डिविडेंड जारी करेगा. शुक्रवार को रिजर्व बैंक सेंट्रल बोर्ड की बैठक थी, जिसमें डिविडेंड जारी करने को मंजूरी दी गई है.
वित्त वर्ष20-21 के बाद से ये अबतक का सबसे बड़ा डिविडेंड है, मार्च 2022 को खत्म वित्तीय वर्ष में, रिजर्व बैंक ने 30,307 करोड़ रुपये का डिविडेंड ट्रांसफर किया था. जबकि वित्त वर्ष 21 में इसने 99,122 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे.
सरकार ने RBI और सरकारी कंपनियों से 48,000 करोड़ रुपये के डिविडेंड इनकम का बजट रखा था, लेकिन ये रकम इससे कहीं ज्यादा है. अर्थशास्त्रियों का अनुमान था कि RBI सरकार को 80 हजार से 1 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड अमाउंट ट्रांसफर करेगा.
RBI बोर्ड ने बोर्ड बैठक में 6% पर कंटिनजेंसी रिस्क बफर को बनाए रखने का फैसला किया. 2018-19 में, RBI ने इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क को अपनाया था. जिसके तहत रिजर्व बैंक को अपनी बैलेंस शीट के 5.5-6.5% के बफर को बनाए रखने की जरूरत होती है. रिजर्व बैंक ने करीब दो साल बाद कंटिनजेंसी रिस्क बफर को बढ़ाया है. बीते दो सालों से ये 5.5% पर ही रखा गया था.