प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NDTV ग्रुप की न्यूज एजेंसी IANS को एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया है. इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया से मेक इन इंडिया और UPI समेत तमाम मुद्दों पर विस्तार से बात की.
प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू में कहा कि देश में मैन्युफैक्चरिंग पर जोर को ग्लोबलाइजेशन की भावना के खिलाफ बताना गुमराह करने वाली बात है. इसी तरह PM ने फिनटेक की दुनिया में UPI के योगदान पर भी खुलकर बात की.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'अगर अमेरिका में कोई कहता है 'Be American By American', इस पर हम सीना तानकर गर्व करते हैं. लेकिन मोदी कहता है 'वोकल फॉर लोकल' तो लोगों को लगता है कि ये ग्लोबलाइजेशन के खिलाफ है. ये गुमराह करने वाली प्रवृत्ति है. भारत जैसे देश के पास स्किल्ड मैनपावर है. अब मैं ऐसी तो गलती नहीं कर सकता कि गेहूं एक्सपोर्ट करूं और ब्रेड इम्पोर्ट करूं..मैं तो चाहूंगा मेरे देश में ही गेहूं का आटा निकले, मेरे देश में ही गेहूं का ब्रेड बने. मेरे देश के लोगों को रोजगार मिले तो मेरा आत्मनिर्भर भारत का जो मिशन है उसके पीछे मेरी पहली जो प्राथमिकता है कि मेरे देश के टैलेंट को अवसर मिले.'
प्रधानमंत्री ने भारत के संसाधनों में वैल्यू एडीशन पर चर्चा करते हुए कहा, 'मेरे देश में जो प्राकृतिक संसाधन हैं उनका वैल्यू एडीशन हो, मेरे देश के अंदर किसान जो काम करता है उसकी जो प्रोडक्ट है, उसका वैल्यू एडिशन हो, वो ग्लोबल मार्केट को कैप्चर करे. इसलिए मैंने विदेश विभाग को भी कहा है कि भाई आपकी सफलता को मैं तीन आधारों से देखूंगा एक भारत से कितना सामान आप जिस देश में हैं वहां पर खरीदा जाता है, दूसरा उस देश में बेस्ट टेक्नोलॉजी कौन सी है जो अभी तक भारत में नहीं है. वो टेक्नोलॉजी भारत में कैसे आ सकती है और तीसरा उस देश में से कितने टूरिस्ट भारत भेजते हो आप, ये मेरा क्राइटेरिया रहेगा...तो मेरी हर चीज के सेंटर में मैं नेशन फर्स्ट के मिजाज से काम करता हूं.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'टेक्नोलॉजी आईटी ड्रिवन है. बहुत बड़े प्रभावी क्षेत्र बदलते जा रहे हैं. हमें फ्यूचरस्टीक चीजों को देखना चाहिए. आज अगर UPI न होता तो कोई मुझे बताए कोविड की लड़ाई हम कैसे लड़ते? दुनिया के समृद्ध देश भी अपने लोगों को पैसे होने के बावजूद भी नहीं दे पाए. हम आराम से दे सकते हैं. आज हम 11 करोड़ किसानों को 30 सेकंड के अंदर पैसा भेज सकते हैं. अब UPI अब इतनी यूजर फ्रेंडली है तो क्योंकि यह टैलेंट हमारे देश के नौजवानों में है. वो ऐसे प्रोडक्ट बना करके देते हैं कि कोई भी कॉमन मैन इसका उपयोग कर सकता है.'़
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'UPI ने एक प्रकार से फिनटेक की दुनिया में बहुत बड़ा रोल प्ले किया है और इसके कारण इन दिनों भारत के साथ जुड़े हुए कई देश UPI से जुड़ने को तैयार हैं क्योंकि अब फिनटेक का युग है. फिनटेक में भारत अब लीड कर रहा है और इसलिए दुर्भाग्य तो इस बात का है कि जब मैं इस विषय को चर्चा कर रहा था तब देश के बड़े-बड़े विद्वान जो पार्लियामेंट में बैठे हैं वह इसका मखौल उड़ाते थे, मजाक उड़ाते थे, उनको भारत के पोटेंशियल का अंदाजा नहीं था और टेक्नोलॉजी के सामर्थ्य का भी अंदाज नहीं था.'