लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग खत्म हो चुकी है. इस दौरान 64.4% वोटर टर्नआउट दर्ज किया गया. सबसे ज्यादा वोटिंग असम में रही, जहां 75.26% लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जबकि गोवा में 74.27% और प. बंगाल में 73.93% वोटिंग हुई.
असम 75.26%
बिहार 56.55%
छत्तीसगढ़ 66.99%
गोवा 74.27%
गुजरात 56.76%
कर्नाटक 67.76%
मध्यप्रदेश 63.09%
महाराष्ट्र 54.77%
उत्तर प्रदेश 57.34%
पश्चिम बंगाल 73.93%
पिछले यानी 2019 के चुनाव में इन 93 सीटों पर 66.9% वोटिंग रही थी. उस समय भी सबसे ज्यादा वोटिंग असम (85.2%) में हुई थी, बिहार में 61.3%, छत्तीसगढ़ में 70.9%, गुजरात में 64.5%, कर्नाटक में 68.7% और पश्चिम बंगाल में 81.7% वोटिंग हुई थी.
इसी तरह बीते चुनाव में महाराष्ट्र में 63.9%, मध्य प्रदेश में 66.7% और गोवा में 75.1% वोटिंग हुई थी.
बता दें तीसरे चरण के तहत 11 राज्यों की 93 सीटों पर मतदान किया गया है. पिछले चुनाव में इन 93 सीटों में से NDA ने 75 सीटों पर जीत दर्ज की थी, अकेले BJP ने ही 71 सीटें जीती थीं.
जबकि INDIA ब्लॉक में शामिल पार्टियों ने सिर्फ 8 सीटें जीती थीं. इसमें कांग्रेस के पास सिर्फ 4 सीटें ही आई थीं. जबकि अविभाजित शिवसेना ने 4 सीटें जीती थीं, NCP के खाते में 3 सीटें आई थीं. 2 पर निर्दलीय जीते थे, जबकि एक सीट पर AIUDF ने जीत दर्ज की थी.
जबकि 2014 के चुनाव की बात करें, तो इन सीटों में से 68 पर NDA ने जीत दर्ज की थी, INDIA ब्लॉक में शामिल मौजूदा पार्टियों ने 15 सीटें जीती थीं.
गांधीनगर
अमित शाह (BJP) और कांग्रेस की सोनल रमणभाई पटेल के बीच मुकाबला. 2019 में अमित शाह यहां से पहली बार सांसद चुने गए थे. गांधीनगर बीते 35 साल से BJP का गढ़ है.
गांधीनगर सीट 1989 में BJP के पास आई थी. तब शंकर सिंह वाघेला पहली बार BJP के टिकट जीतने में कामयाब रहे थे. 1991 से 2014 तक 6 बार यहां से लालकृष्ण आडवाणी चुनाव जीते. सिर्फ 1996 में उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के लिए ये सीट खाली की थी.
गुना (MP)
महाराजा के नाम से मशहूर BJP के ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस से यादवेंद्र राव देशराज सिंह के बीच इस सीट पर भिड़ंत है. ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर हार गए थे. वहीं देशराज सिंह पहले BJP में थे. बता दें गुना सिंधिया परिवार की पारंपरिक सीट रही है.
विदिशा (MP)
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (BJP) का मुकाबला विदिशा में कांग्रेस के प्रतापभानु शर्मा से है. विदिशा देश में BJP की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक है. यहां से पहले अटल बिहारी वाजपेयी और सुषमा स्वराज भी सांसद चुनी जा चुकी हैं. मामा के नाम से मशहूर शिवराज सिंह पहले भी यहां से सांसद रह चुके हैं.
राजगढ़ (MP)
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (कांग्रेस) का मुकाबला अपनी घरेलू जमीन पर मौजूदा सांसद BJP के रोडमल नागर से है. दिग्गी राजा के नाम से पहचाने जाने वाले दिग्विजय सिंह 1993 में मुख्यमंत्री बनने के पहले यहां से दो बार सांसद भी रह चुके हैं. वोटिंग के पहले दिग्विजय सिंह ने जनता से भावनात्मक अपील भी की है, उन्होंने कहा कि ये उनका आखिरी चुनाव है.
बारामती (महाराष्ट्र)
यहां पवार परिवार के बीच पावर स्ट्रगल हो रही है. शरद पवार खेमे से उनकी बेटी सुप्रिया सुले का मुकाबला उनके भाई और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार से है. बारामती पवार परिवार की पारिवारिक सीट रही है.
शरद पवार यहां से पहली बार 1984 में सांसद चुने गए थे. वे उपचुनाव मिलाकर 6 बार यहां से सांसद रहे हैं. वहीं उनकी बेटी सुप्रिया सुले 2009,2014 और 2019 में तीन बार यहां से जीत चुकी हैं. वे चौथी बार सीट जीतने की कोशिश में हैं. मोदी लहर के बावजूद NCP के गढ़ में वे पिछली बार 1.5 लाख वोट से ज्यादा से जीती थीं.
मैनपुरी (UP)
यादव परिवार की पारंपरिक सीट मैनपुरी से इस बार डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं. उनका मुकाबला BJP के जयवीर सिंह से है. BJP ने कभी ये सीट नहीं जीती. जबकि बीते 26 साल से मैनपुरी सीट समाजवादी पार्टी के कब्जे में है.