चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों से एक दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर जानकारी दी.
CEC ने चुनाव आयोग पर चुनाव में ज्यादा सक्रिय न करने के आरोपों पर कहा, 'हम सोशल मीडिया पर मीम देख रहे हैं, जिनमें हमें लापता जेंटलमेन कहा जा रहा था, लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि हम हमेशा यहां मौजूद थे.'
इस दौरान CEC ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है, जिनमें काउंटिंग को प्रभावित करने के लिए बड़ी संख्या में जिलों के DM को प्रभावित करने संबंधी आरोप लगाए गए थे.
राजीव कुमार ने कहा, 'कहा गया कि ROs को बड़े पैमाने पर इंफ्लूएंस कर दिया गया है, लेकिन ऐसा संभव नहीं है कि पूरे देश के 500-700 डीएम को प्रभावित कर दिया जाए. सोचिए जब उनके ऊपर नेगेटिव नैरेटिव थोपा जाता है, तो उन्हें कितना बुरा लगता होगा.'
राजीव कुमार ने कहा, 'काउंटिंग एजेंट्स के बारे में हवा चला दी गई कि उनका ROs (रिटर्निंग ऑफिसर्स) की टेबल पर साथ बैठने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, फिर हमें इस अफवाह को काउंटर करना पड़ा.'
CEC ने भरोसा दिलाया कि पूरी पारदर्शिता से काम होगा, पोलिंग एजेंट्स को पूरी प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिलेगा, वे पूरी जांच कर सकते हैं. लेकिन अगर कोई उपद्रव करना चाहता है, तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा.
CEC ने कहा, 'हमें पहले से शंका थी कि AI का उपयोग कर भ्रामक जानकारी/डीप फेक फैलाए जा सकते हैं. हमे डर था कि फोटो, रैलियों की कहीं भी तस्वीर लगाई जा सकती है. हम डेढ़ साल से इस पर लगाम लगाने की तैयारी कर रहे थे. इसलिए इस बार ऐसी कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई.'
CEC राजीव कुमार ने कहा कि ये पहला चुनाव है जहां किसी तरह की हिंसा नहीं हुई. जबकि कश्मीर, पूर्वोत्तर समेत दूर-दराज के इलाकों में भी लोगों ने जमकर चुनावी कवायद में हिस्सा लिया.
उन्होंने आगे कहा, 'इस बार पैसे, लिकर और तमाम तरह की फ्रीबीज के वितरण को भी रोकने में कामयाबी मिली और इनसे जुड़ी कोई बड़ी घटनाएं सामने नहीं आईं. इस बार कहीं एंबुलेंस में पैसे ले जाने की घटनाएं सामने नहीं आईं. जो भी एक-दो घटनाएं सामने आईं, उनके ऊपर हमने कड़ा एक्शन लिया.'
काउंटिंग का बहुत तेज-तर्रार सिस्टम है, जहां हर एक मिनट के हिसाब से एक-एक पार्ट तय है. इस प्रोसेस में कोई सिस्टमेटिक गलती नहीं हो सकती. भले ही छोटी-मोटी मानवीय गलती हो जाए, वो किसी से भी हो सकती है. काउंटिंग रूम्स में सीसीटीवी लगे हुए हैं, मतलब पूरी निगरानी है: CEC
CEC ने बताया कि पूरे चुनाव में जमकर चेकिंग रही. हर नेता की उड़ानों को भी चेक किया गया, भले ही वो केंद्रीय मंत्री रहे हों या कोई और.
CEC ने बताया कि '64 करोड़ 20 लाख लोगों ने इस चुनाव में मतदान किया. ये संख्या G7 देशों के वोटर्स को मिला ली जाए, तो उससे भी डेढ़ गुनी है. ये एक तरह का चमत्कार ही है.'
राजीव कुमार ने आगे बताया, '2019 में 540 जगहों पर दोबारा चुनाव कराने पड़े थे. जबकि इस बार 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एक भी जगह फिर से पोलिंग नहीं हुई है.'