ADVERTISEMENT

Modi 3.0: नड्डा बने स्वास्थ्य मंत्री, सिंधिया को टेलीकॉम, तो पीयूष गोयल को मिली कॉमर्स मिनिस्ट्री

जानिए कैसा रहा है अब तक JP नड्डा, ज्योतिरादित्य सिंधिया और पीयूष गोयल का राजनीतिक सफर
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी08:49 PM IST, 10 Jun 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

PM नरेंद्र मोदी के तीसरे मंत्रिमंडल के लिए पोर्टफोलियो का वितरण हो गया है. इसके तहत BJP अध्यक्ष JP नड्डा को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है. जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया को टेलीकॉम मिनिस्ट्री की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं पीयूष गोयल को कॉमर्स मिनिस्ट्री का जिम्मा मिला है.

यहां तीनों नेताओं के अब तक के राजनीतिक सफर पर एक संक्षिप्त नजर डालते हैं.

JP नड्डा

JP नड्डा का जन्म 2 दिसंबर 1960 को हुआ. उन्होंने कानून की पढ़ाई की है. 1993 से लेकर 2010 के बीच नड्डा हिमाचल की प्रादेशिक राजनीति में सक्रिय रहे.

1993 में JP नड्डा हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव जीते थे. 1998 में भी वे दोबारा चुनाव जीते. इस बीच 1993 से 1998 के बीच विधानसभा में अपनी पार्टी के नेता भी रहे.

प्रेम कुमार धूमल की पहली सरकार में नड्डा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण रहे. उनके पास कुछ समय के लिए संसदीय कार्यों के मंत्रालय का प्रभार भी रहा. 2003 में नड्डा चुनाव हार गए.

2007 में वे तीसरी बार चुनाव जीते और एक बार फिर प्रेम कुमार धूमल सरकार की वापसी के साथ उन्हें पर्यावरण, वन, विज्ञान और टेक्नोलॉजी मंत्री बनाया गया. वे इस पद पर 2008 से 2010 के बीच रहे.

राष्ट्रीय राजनीति में नड्डा

इस बीच नड्डा की राष्ट्रीय राजनीति में तेजी से उभर रहे नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ करीबी काम आई और उनकी राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री हो गई. 2012 में नड्डा को राज्यसभा भेज दिया गया. 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के बनने के बाद नड्डा को स्वास्थ्य मंत्री बनाय गया.

नड्डा को जून 2019 में अमित शाह के बाद पहले कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद जनवरी 2020 में उन्हें निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया.

पीयूष गोयल

पीयूष गोयल को एक बार फिर कॉमर्स मिनिस्ट्री का जिम्मा दिया गया है. पिछली सरकार में उनके कॉमर्स के साथ-साथ, टेक्सटाइल और कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री भी मौजूद थी.

पीयूष गोयल का जन्म मुंबई में हुआ. उनके पिता राजनीति में अच्छा दखल रखते थे. वेद प्रकाश गोयल महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य भी रहे. तीसरी अटल बिहारी सरकार में वे शिपिंग मिनिस्टर भी थे.

पीयूष गोयल CA हैं, उन्होंने कानून की पढ़ाई की है. उन्होंने अपना करियर इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर शुरू किया था.

उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत 2010 में उनके राज्यसभा में आने के साथ हुई. 2014 में मोदी सरकार आने के बाद वे लगातार अलग-अलग विभागों के मंत्री रहे हैं. इनमें कंज्यूमर अफेयर्स, कॉमर्स, रेलवे, वित्त, कोयला और अलग-अलग मंत्रालय शामिल रहे हैं. 2021 से पीयूष गोयल राज्यसभा में उपनेता भी हैं.

ज्योतिरादित्य सिंधिया

ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर के मशहूर सिंधिया राजघराने से आते हैं. इनके पिता कांग्रेस, तो दादी जनसंघ में नेतृत्व भूमिका में रही हैं. जबकि बुआ वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान की मुख्यमंत्री रही हैं.

सिंधिया का जन्म 1 जनवरी 1971 को हुआ. 2001 में एक प्लेन दुर्घटना में पिता माधवराव सिंधिया के निधन के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया की अचानक राजनीति में एंट्री हुई. उन्होंने पारंपरिक गुना उपचुनाव लड़ा और करीब 4.5 लाख वोट से जीत हासिल की.

इसके बाद सिंधिया, 2004, 2009, 2014 का लोकसभा चुनाव जीते. 2012 में सिंधिया को UPA-2 में ऊर्जा और कॉरपोरेट मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया.

2019 में उन्हें BJP के केपी यादव ने हराने में कामयाबी पाई. इससे पहले 2018 में कांग्रेस सिंधिया के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए सत्ता में 15 साल बाद वापसी करने में कामयाब रही थी. लेकिन सिंधिया को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया.

2020 तक आते-आते मध्य प्रदेश कांग्रेस की अंतर्कलह काफी बढ़ चुकी थी और सिंधिया ने अपने समर्थकों के साथ पाला बदलने का फैसला कर लिया. नतीजतन कांग्रेस सरकार गिर गई.

2020 में BJP ने सिंधिया को राज्यसभा भेज दिया, इसके बाद उन्हें नागरिक उड्डयन और बाद में नागरिक उड्डयन की जिम्मेदारी दी गई. 2024 में सिंधिया 5वीं बार सांसद बने हैं.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT