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PM Modi NDTV Exclusive: इंडिया एलायंस राजनीतिक परिवारों का गठबंधन है. इनके नेताओं को अपने बच्चों के आगे देश के बच्चों का भविष्य नजर नहीं आता: PM मोदी

प्रधानमंत्री ने इंडिया एलायंस को खानदानी पंचायत बताया. इसमें शामिल सभी पार्टियां अपने-अपने राजनीतिक परिवारों के बच्चों को राजनीति में सेट करने की कोशिश कर रही हैं
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी02:17 PM IST, 19 May 2024NDTV Profit हिंदी
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लगातार 2 बार ऐतिहासिक जनादेश हासिल करने के बाद अब मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में वापसी का दम भर रही है और वो भी एक पर्वत से दिखने वाले लक्ष्य को सामने रखकर. मोदी सरकार का अबकी बार 400 पार का ये संकल्प ऐसे वक्त में है, जब विपक्ष न तो 2014 के चुनावों जैसा नदारद है और न ही 2019 जैसा बिखरा हुआ, क्योंकि आज INDI अलायंस का मोर्चा सामने है.

ऐसे में BJP के लिए ये चुनाव पिछले दो चुनावों से कैसे अलग है और अगर PM मोदी तीसरी बार भी देश की बागडोर संभालते हैं तो उनका विजन क्या है. कैसे वो भारत को विकसित देश बनाएंगे, ग्लोबल मैप पर भारत की साख को और मजबूत कैसे बनाएंगे.

राजनीति से लेकर आर्थिक, इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर आम आदमी के मुद्दों पर चुनावों के बीच में और नतीजों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ NDTV के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया की अब तक की सबसे बेबाक और संजीदा बातचीत.

खानदानी पंचायत है इंडिया एलायंस

प्रधानमंत्री ने इंडिया एलायंस की भी कड़ी आलोचना की. दूसरे शब्दों में उन्होंने इसे खानदानी पंचायत बताया. इंडिया एलायंस में शामिल SP प्रमुख अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव के बेटे हैं. RJD प्रमुख तेजस्वी यादव, लालू यादव के बेटे हैं, DMK प्रमुख स्टालिन, कुरुणानिधी के बेटे हैं. इंडिया एलायंस में ऐसे कई उदाहरण मिल जाएंगे. यही नहीं इन राजनीति परिवारों के कई-कई सदस्य अपनी-अपनी पार्टियों से सांसद हैं और इस बार भी चुनाव के मैदान में हैं.

प्रधानमंत्री ने इन राजनीतिक परिवारों के इतिहास और वर्तमान को देखते हुए ही इंडिया एलायंस को राजनीतिक परिवारों का गठबंधन बताया है. उन्होंने कहा कि

"इन सभी (इंडिया एलायंस के नेताओं) को आप बैठाओगे तो लगेगा कि ये उसका बेटा, ये इसका बेटा तो ये उसका बेटा है. ये इसका बाप तो ये उसका बाप है. ऐसा साफ लगता है कि वे अपने बच्चों को राजनीति में सेट करने के लिए इंडिया एलायंस को जॉइन करने की कोशिश कर रहे हैं. देश के बच्चों का भविष्य नजर ही नहीं आता उसमें."
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

राजनीतिक परिवारों का वजूद बचाने की कोशिश

असल में इस बार के चुनावों में NDA का मुकाबला UPA से नहीं बल्कि इंडिया एलायंस से है. दरअसल ये UPA का ही नया अवतार है मगर कुछ बिखरा-बिखरा सा. इंडिया एलायंस के दलों में कोई एकता नहीं हैं. मसलन आम आदमी पार्टी दिल्ली में तो इंडिया एलायंस का हिस्सा है, मगर पंजाब में एलायंस का साथ देने से इनकार कर दिया. कुछ ऐसा ही फैसला TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने लिया. वो मंच तो इंडिया एलायंस के साथ साझा करती हैं, साथ देने का वादा भी करती है, मगर पश्चिम बंगाल में वो कांग्रेस और लेफ्ट के एक भी सीट नहीं देती हैं. इन दलों में SP, RJD राजनीति के केंद्रा यानी सत्ता से बाहर हैं, DMK के पास सत्ता तो है, मगर अगले चुनावों में इसके जाने का डर सता रहा है. इस लोकसभा चुनाव में ये सभी दल अपने-अपने राजनीतिक परिवारों के वजूद को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नहीं.

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