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PM Modi NDTV Exclusive: मैं सोचता बड़ा हूं और दूर का हूं, लेकिन जमीन से जुड़ा रहता हूं: PM मोदी

PM मोदी ने इस बातचीत के दौरान वो बातें भी बताईं, जो इसके पहले उन्होंने कहीं पर भी इसका जिक्र नहीं किया. देश के मौजूदा परिदृश्य, चाहे वो राजनीतिक हों या फिर आर्थिक, विपक्ष के दांव-पेंच हों या फिर चुनावी रणभेरी में अपनी रणनीति हो.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी10:25 AM IST, 19 May 2024NDTV Profit हिंदी
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लगातार 2 बार ऐतिहासिक जनादेश हासिल करने के बाद अब मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में वापसी का दम भर रही है और वो भी एक पर्वत से दिखने वाले लक्ष्य को सामने रखकर. मोदी सरकार का अबकी बार 400 पार का ये संकल्प ऐसे वक्त में है, जब विपक्ष न तो 2014 के चुनावों जैसा नदारद है और न ही 2019 जैसा बिखरा हुआ, क्योंकि आज INDI अलायंस का मोर्चा सामने है.

ऐसे में BJP के लिए ये चुनाव पिछले दो चुनावों से कैसे अलग है और अगर PM मोदी तीसरी बार भी देश की बागडोर संभालते हैं तो उनका विजन क्या है. कैसे वो भारत को विकसित देश बनाएंगे, ग्लोबल मैप पर भारत की साख को और मजबूत कैसे बनाएंगे.

राजनीति से लेकर आर्थिक, इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर आम आदमी के मुद्दों पर चुनावों के बीच में और नतीजों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ NDTV के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया की अब तक की सबसे बेबाक और संजीदा बातचीत.

प्रधाननमंत्री नरेंद्र मोदी ने NDTV नेटवर्क को दिए इस इंटरव्यू में अपने दिल और जेहन की गहराइयों में छिपी वो हर बात कही, जो उनकी व्यक्तिगत सोच और देश के प्रति उनके विचारों की एक झलक देता है. एक राजनेता और प्रधानमंत्री के तौर पर उनकी जिम्मेदारियां भी बड़ी हैं, वो कहते हैं कि उनकी सोच हमेशा बड़ी रही है, लेकिन वो हमेशा जमीन से जुड़े रहने वाले व्यक्ति रहे हैं.

अक्सर प्रधानमंत्री से ये पूछा जाता रहा है कि उनके अंदर इतना आत्मविश्वास कहां से आता है, इसके पीछे क्या सोच काम करती है. NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया के साथ अपनी जीवन जीने की फिलॉसफी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि 'मुझे अगर कॉन्फिडेंस होता है तो भी कभी जताता नहीं हूं, और ओवर कॉन्फिडेंस में जीता नहीं हूं, मैं जमीन पर नित्य जीवन का हिसाब-किताब करके कदम रखने वाला इंसान रहा हूं. मैं सोचता बड़ा हूं, सोचता दूर का हूं, लेकिन जमीन से जुड़ा रहता हूं.'

PM मोदी ने इस बातचीत के दौरान वो बातें भी बताईं, जो इसके पहले उन्होंने कहीं पर भी इसका जिक्र नहीं किया. देश के मौजूदा परिदृश्य, चाहे वो राजनीतिक हों या फिर आर्थिक, विपक्ष के दांव-पेंच हों या फिर चुनावी रणभेरी में अपनी रणनीति हो. हर सवाल का जवाब उन्होंने बड़ी बेबाकी से दिया.

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