दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी होंगी. अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद के लिए आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा. वो BJP की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित के बाद तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी. दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने दो दिन पहले ही पद छोड़ने का ऐलान किया था.
मंगलवार सुबह AAP संयोजक केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सर्वसम्मति से नए नेता सदन के रूप में आतिशी का चुनाव किया गया. आतिशी को अरविंद केजरीवाल का विश्वासपात्र माना जाता है. वह इस समय दिल्ली सरकार में कई मंत्रालय संभाल रही हैं.
आतिशी की गिनती आम आदमी पार्टी के तेजतर्रार नेताओं में होती है. जब केजरीवाल जेल में थे तो स्वतंत्रता दिवस पर आतिशी ने ही तिरंगा फहराया था. केजरीवाल ने उनका नाम बढ़ाते हुए उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी, जबकि LG ने ध्वजारोहण के लिए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को चुना था.
दो दिन पहले जब केजरीवाल ने खुले से अपने इस्तीफे का ऐलान किया, तब भी उन्होंने उस चिट्ठी और आतिशी के नाम का जिक्र किया था. केजरीवाल, मनीष सिसोदिया के जेल में रहने के दौरान आतिशी पार्टी का मोर्चा संभाले हुए थीं. MCD के स्कूलों में औचक निरीक्षण से लेकर दिल्ली पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसियों की छापेमारी के दौरान आक्रोशित होने तक, आतिशी सोशल मीडिया पर भी छाई रहती हैं.
आतिशी पंजाबी राजपूत परिवार से ताल्लुक रखती हैं. वो दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर दंपती विजय सिंह और तृप्ता सिंह की बेटी हैं. उनका जन्म 8 जून 1981 को हुआ था.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान आतिशी ने अपने नाम से मार्लेना शब्द हटा लिया था. चर्चा थी कि ‘मार्क्स’ और ‘लेनिन’ से प्रभावित होकर उनके नाम में मार्लेना जोड़ा गया था. अब सोशल मीडिया पर वो अपना नाम 'आतिशी आप' लिखती हैं.
आतिशी की स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के पूसा रोड स्थित स्प्रिंगडेल्स स्कूल में हुई. फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज से साल 2001 में उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया.
ग्रेजुएट होने के बाद वो आगे की पढ़ाई के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी पहुंचीं. यहां उन्होंने शेवनिंग स्कॉलरशिप पर मास्टर की डिग्री हासिल की. कुछ साल बाद उन्होंने शैक्षिक अनुसंधान में रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड से अपनी दूसरी मास्टर डिग्री हासिल की.
पढ़ाई पूरी करके भारत लौटने के बाद आतिशी ने आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में कुछ समय तक काम किया और एक गैर-सरकारी संगठन संभावना इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी के साथ भी जुड़ी रहीं.
चुनावी हलफनामे के मुताबिक, आतिशी के पास 1.41 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जबकि कोई भी देनदारी नहीं है. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान उन्होंने चुनाव आयोग के सामने संपत्ति का जो ब्यौरा दिया था, उसके मुताबिक, तब उनके पास करीब 30,000 रुपये कैश थे, जबकि FD वगैरह मिलाकर कुल 1.22 करोड़ रुपये थे. उन्होंने शेयर बाजार में कोई निवेश नहीं कर रखा है. उनके नाम 5 लाख रुपये की LIC की एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है.
आतिशी कालकाजी से विधायक हैं. उनके पास शिक्षा विभाग के अलावा कई और भी विभाग हैं. राजनीतिक मामलों की समिति की सदस्य होने के साथ ही कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं.
आम आदमी पार्टी के गठन के समय से ही आतिशी पार्टी के साथ जुड़ी हुई हैं. जनवरी 2013 में उन्हें पार्टी के लिए नीति निर्धारण के काम में शामिल किया गया. साल 2015 में उन्होंने आप नेता आलोक अग्रवाल की ओर से खंडवा (MP) में चलाए गए जल सत्याग्रह में बढ़-चढ़कर भाग लिया.
जुलाई 2015 से अप्रैल 2018 तक वो दिल्ली के डिप्टी CM और शिक्षा मंत्री रहे मनीष सिसोदिया के सलाहकार के तौर पर काम कर चुकी हैं. सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए उन्होंने कई योजनाओं पर काम किया है.
आतिशी को 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया. वह BJP के प्रत्याशी क्रिकेटर गौतम गंभीर से 4.77 लाख वोटों से हार गईं.
साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी के टिकट पर कालकाजी क्षेत्र से चुनाव लड़ा और BJP प्रत्याशी को 11 हजार से अधिक वोटों से हरा कर विधायक बनीं.
पार्टी में आतिशी का कद समय के साथ बढ़ता गया. 2020 के चुनाव के बाद उन्हें आम आदमी पार्टी की गोवा इकाई का प्रभारी बनाया गया था.
पिछले दिनों दिल्ली के लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर उनका 'पानी सत्याग्रह' चर्चा में रहा. वो अरविंद केजरीवाल की भरोसेमंद सिपहसालार कही जाती हैं.