केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने एक बार फिर गांधीनगर से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन भर दिया है. बीते चुनाव में शाह ने 69.67% वोट हासिल कर बड़ी जीत दर्ज की थी.
नामांकन के मौके पर अमित शाह ने कहा, 'मेरे लिए ये बड़ा गौरव का विषय है, इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी ने किया. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस सीट पर वोटर हैं. यहीं से मैं एक छोटे से बूथ कार्यकर्ता से संसद तक पहुंचा हूं.'
उन्होंने आगे कहा, 'मोदी जी के नेतृत्व में, पहले मुख्यमंत्री और बाद में प्रधानमंत्री के नाते इस क्षेत्र में BJP सरकारों ने ढेर सारे काम किए. बीते 5 साल में 22,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के काम इस लोकसभा में हुए.'
गांधी नगर सीट देश में BJP की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक है. 1989 से BJP का इस सीट पर कब्जा है. अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर लालकृष्ण आडवाणी, शंकर सिंह वाघेला और अमित शाह जैसे नेता इस सीट से चुने गए हैं.
गांधी नगर सीट 1967 के परिसीमन में अस्तित्व में आई. 1967 से 1984 तक 5 चुनावों में एक बार छोड़कर यहां हर बार कांग्रेस जीती. सिर्फ 1977 में इमरजेंसी के बाद इंदिरा गांधी के विरोध में चली लहर में जनता पार्टी के पुरुषोत्तम मावलंकर ने यहां से जीत दर्ज की थी.
1989 में पहली बार शंकरसिंह वाघेला यहां से BJP का परचम फहराने में कामयाब रहे. 1990 में रथ यात्रा के बाद 1991 के चुनाव में लालकृष्ण आडवाणी यहां से खड़े हुए और जीतने में कामयाब रहे.
1996 में अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ और गांधीनगर से चुनाव लड़ा. वे दोनों सीटें जीतने में कामयाब रहे. उन्होंने गांधीनगर सीट छोड़ दी, जिसके बाद यहां उपचुनाव हुए और BJP से विजय पटेल जीतने में कामयाब रहे.
1998 में यहां से लालकृष्ण आडवाणी ने दोबारा यहां चुनाव जीता और साल 2014 तक वे यहां से सांसद रहे. इस दौरान वे 1999-2004 के बीच देश के उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री रहे. 2009 में BJP का प्रधानमंत्री चेहरा भी रहे. बाद में उनके सक्रिय राजनीति से हटने के बाद 2019 में अमित शाह को यहां टिकट दी गई.