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BJP के पास कर्नाटक में मिली हार को बैलेंस करने का मौका, 2024 की बात करना जल्दबाजी

2023 के आखिर में और 2024 के पहले होने वाले चुनाव में BJP के पास कांग्रेस शासित प्रदेश छीनने का मौका है
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी03:01 PM IST, 29 May 2023NDTV Profit हिंदी
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे की अहमियत इसलिए है क्योंकि कांग्रेस ने ये प्रदेश BJP से छीना है. इसका महत्व इसलिए भी है क्योंकि दक्षिण में BJP की सरकार अब नहीं रह गयी है. ये महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि पिछले साल पंजाब में सरकार गंवाने और हिमाचल में सरकार बनाने के बाद 2023 में कांग्रेस को मिली ये पहली जीत है. आम चुनाव से पहले आखिरी चरण में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मिली ये जीत कांग्रेस के लिए उम्मीद जगाती है तो BJP को आगाह करती है. लेकिन, जो लोग कह रहे हैं कि 2024 के आम चुनाव का टोन सेट हो गया है वो थोड़ी जल्दबाजी में हैं.

2023 में अब तक नगालैंड, त्रिपुरा, मेघालय और कर्नाटक में चुनाव हो चुके हैं. इनमें से त्रिपुरा में BJP ने सत्ता में वापसी की है जबकि नगालैंड और मेघालय में BJP गठबंधन सरकार में शामिल होने की स्थिति दोहराने में कामयाब रही है. फरवरी में हुए तीन राज्यों में BJP का डंका बजा. वहीं, मई में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने फतह हासिल की है. कर्नाटक छिन जाने के बावजूद BJP के पास मौका है कि वो इस आंशिक और मनोवैज्ञानिक सियासी बढ़त के प्रभाव को कम कर सकती है.

यहां है कांग्रेस को मनोवैज्ञानिक बढ़त 

ये बात खास तौर से उल्लेखनीय है कि 200 या उससे ज्यादा सीटों वाली विधानसभाओं में कर्नाटक जीत लेने के बाद कांग्रेस अब BJP के मुकाबले आंकड़ों में आगे निकल गयी है. कांग्रेस के पास अब ऐसे चार बड़े राज्य हैं. राजस्थान और कर्नाटक में अपने दम पर सरकार है जबकि बिहार और तमिलनाडु में कांग्रेस, गठबंधन की सरकार का हिस्सा है. इसके उलट BJP के पास 200 से ज्यादा सीटों वाले प्रदेशों में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश तो हैं ही, महाराष्ट्र में भी वो गठबंधन में है. BJP देश के सबसे बड़े तीन प्रदेशों में काबिज है. लिहाजा कांग्रेस की आंशिक बढ़त के मनोबल को वो इस आंकड़े से तोड़ सकती है. पश्चिम बंगाल में कांग्रेस या BJP से अलग क्षेत्रीय दल तृणमूल कांग्रेस की अपने दम पर सरकार है.

BJP के पास मौका

BJP के पास मौका है. नवंबर-दिसंबर में जिन पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं उनमें से छत्तीसगढ़ और राजस्थान कांग्रेस के पास हैं. इनमें से एक भी प्रदेश में अगर BJP चुनाव जीत लेती है तो कर्नाटक का हिसाब पूरा हो जाएगा. इसके अलावा ऊपर हुई चर्चा में कांग्रेस को हासिल मनोवैज्ञानिक बढ़त भी खत्म हो जाएगी. अगर BJP ने राजस्थान और छत्तीसगढ़, दोनों कांग्रेस से छीन लिए तो कांग्रेस का मनोबल धराशायी हो जाएगा, इसमें भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए. मध्य प्रदेश में अपनी सरकार को बनाए रखने की चुनौती भी BJP के पास रहेगी. तेलंगाना में BJP और कांग्रेस दोनों अपनी ताकत बढ़ाकर राष्ट्रव्यापी संदेश दे सकती हैं.

दोनों के पास हैं अवसर

कांग्रेस के लिए अवसर है कि 2023 में होने वाले आखिरी चरण के विधानसभा चुनावों में वो अपने दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कम से कम एक को बचाए और मध्य प्रदेश में BJP को शिकस्त दे. ऐसा करके वो चुनाव में प्रदेश छीनने और पाने के खेल में BJP की बढ़त पर अंकुश लगा सकती है. कांग्रेस अगर कर्नाटक में चुनावी जीत के रथ पर सवार होकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपना परचम लहराने में कामयाब होती है तो निश्चित रूप से 2024 में BJP के लिए बहुत मजबूत चुनौती पेश करती दिखेगी. मिजोरम का महत्व 2024 के लिए तभी है जब वहां कांग्रेस सिरमौर हो अन्यथा इसकी अहमियत भारतीय सियासत में प्रभाव के ख्याल से आंकड़े भर से ज्यादा नहीं है.

तेलंगाना का भी खास महत्व है. यहां बीआरएस (BRS) की सरकार है. मुख्यमंत्री K चंद्रशेखर राव देश में BJP विरोधी सियासत का केंद्र बनने को आतुर हैं. लिहाजा तेलंगाना में BJP का प्रदर्शन कमजोर रहता है तो KCR का महत्व बढ़ेगा. फिर भी कोई बड़ी भूमिका नहीं बनेगी. BJP अब भी तेलंगाना में मजबूत ताकत नहीं है लेकिन उभरती हुई मजबूत ताकत जरूर है. BJP के पास तेलंगाना से देश भर में संदेश देने का मौका है कि दक्षिण में कमल अभी मुरझाया नहीं है.

स्थिति स्पष्ट है. कर्नाटक 2024 के लिए सियासत का न तो अंतिम अवसर था और न ही ऐसा है कि BJP, कांग्रेस को मिली इस बढ़त को संतुलित नहीं कर सकती. 2023 के आखिर में और 2024 के पहले होने वाले चुनाव में BJP के पास कांग्रेस शासित प्रदेश छीनने का मौका है. ऐसा करके वो सिर्फ कांग्रेस को ही नहीं, देशव्यापी स्तर पर BJP विरोधी सियासत को लंबे समय तक के लिए चुप कर सकती है.

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