केंद्र ने दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) की शक्तियां बढ़ा दी हैं. अब उन्हें दिल्ली महिला आयोग (DCW) और दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (DERC) जैसे किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड और आयोग का गठन करने का पूरा अधिकार दे दिया है. इससे पहले ये अधिकार दिल्ली सरकार के पास थे.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद गृह मंत्रालय ने मंगलवार रात इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया. गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन में बताया कि ये फैसला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 के तहत लिया गया है.
गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में कहा गया है, 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली शासन अधिनियम, 1991 (1992 के 1) की धारा 45D के साथ, संविधान के अनुच्छेद 239 के खंड (1) के अनुसरण में राष्ट्रपति निर्देश देती हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल, राष्ट्रपति के नियंत्रण के अधीन रहते हुए और अगले आदेश तक उक्त अधिनियम की धारा 45D के सेक्शन (क) के अधीन राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग किसी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय के गठन के लिए करेंगे.'
आगे लिखा गया है, 'चाहे उसे किसी भी नाम से पुकारा जाए, या ऐसे प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय में किसी सरकारी अधिकारी या पदेन सदस्य की नियुक्ति के लिए करेंगे.'
गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित होने के तुरंत बाद उपराज्यपाल VK सक्सेना ने दिल्ली नगर निगम (MCD) वार्ड समिति चुनावों के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति कर दी. मेयर शैली ओबेरॉय ने इससे पहले ये कहते हुए ऐसा करने से इनकार कर दिया था कि उनकी अंतरात्मा उन्हें 'अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया' में भाग लेने की अनुमति नहीं देती.