बजट की मंजूरी को लेकर चल रही केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच तनातनी फिलहाल के लिए खत्म हो गयी है, आखिरकार गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट को मंजूरी दे दी है. ये जानकारी PTI ने LG दफ्तर के सूत्रों के हवाले से ये दी है.
सूत्रों के मुताबिक, LG विनय कुमार सक्सेना ने 9 मार्च को ही कुछ टिप्पणियों के साथ दिल्ली सरकार के एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट 2023-24 को मंजूरी देकर फाइल CM को भेज दी थी. फिर दिल्ली सरकार ने बजट पर राष्ट्रपति की मंजूरी लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजा. गृह मंत्रालय ने 17 मार्च को दिल्ली सरकार को अपनी राय दी जिसमें कुछ आपत्ति की गई थी.
बजट में सिर्फ 20% ही कैपेक्स पर खर्च करने का प्रस्ताव है, जो कि पर्याप्त नहीं है.
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आपको बता दें, दिल्ली सरकार विधानसभा में राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही बजट पेश करती है. LG के माध्यम से इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार और राष्ट्रपति को भेजा जाता है. दिल्ली सरकार को विधानसभा में 21 मार्च को बजट पेश करना था. लेकिन, इन सब विवादों के चलते बजट आज पेश नहीं हो सका.
इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केंजरीवाल ने केंद्र सरकार को निशाने पर ले लिया. दिल्ली का बजट रोके जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले पर एक चिट्ठी लिखी. उस चिट्ठी में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से कहा है कि वो दिल्ली का बजट न रोकें.
केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि 'पिछले 75 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी राज्य का बजट रोका गया हो. उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि आप दिल्लीवासियों से क्यों नाराज हैं. कृपया दिल्ली का बजट न रोकें, हाथ जोड़कर दिल्लीवासी विनती कर रहे हैं कि उनका बजट पास कर दें.'
ट्विटर पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उन न्यूज रिपोर्ट्स को शेयर किया, जिसमें ये बताया गया था कि रोजाना नई अड़चनों के बावजूद दिल्ली का प्रदर्शन कितना अच्छा है. उन्होंने कहा कि- सोचिए अगर ये अड़चनें न पैदा की गईं होती और देश की सभी सरकारें मिलकर लोगों की भलाई के लिए काम करतीं, तो दिल्ली कई गुना तेजी से आगे बढ़ती.