दिल्ली शराब नीति (Delhi Liquor Policy) से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग केस में आम आदमी पार्टी सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को जमानत देने से इनकार कर दिया. दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन किया है.
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस SVN भट्टी की बेंच ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि घोटाले से जुड़े कई सवालों के जवाब अभी नहीं मिले हैं. 338 करोड़ के लेन-देन के मामले में सिसोदिया की भूमिका संदिग्ध लग रही है, इसलिए उनकी जमानत याचिका खारिज की जाती है.
इससे पहले 17 अक्टूबर को कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. बता दें कि दिल्ली शराब नीति में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. वो 8 महीने से ज्यादा समय से हिरासत में हैं.
ED ने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) को नोटिस भेजकर 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है. दिल्ली की नई शराब नीति मामले में ED अरविंद केजरीवाल से पूछताछ करेगी.
इससे पहले CBI अप्रैल में उन्हें पूछताछ के लिए बुला चुकी है. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी इस मामले में जेल में हैं.
जमानत याचिका रद्द होने के बाद आम आदमी पार्टी ने कहा है कि विकल्पों पर विचार किया जाएगा. पार्टी ने कहा, कोर्ट के फैसले का सम्मान है, लेकिन हैरानी भी है. AAP नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा, 'जब सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया का बेल का मामला सुना जा रहा था, कोर्ट ने बार-बार ED से यही पूछा कि मनी ट्रेल कहां है? अगर नहीं है तो मनी लांड्रिंग का केस कैसे बनता है?'
सुनवाई के दौरान कोर्ट की तरफ से ये भी कहा गया कि अप्रूवर जान बचाने के लिए कुछ भी बोल सकता है. इस पर भरोसा कैसे किया जाए. इस सब के बावजूद कोर्ट ने आज 'प्रतिकूल' आदेश दिया.आतिशी. शिक्षा मंत्री, दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी की लीडर
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आतिशी ने आगे कहा, 'मनीष सिसोदिया को बेल नहीं मिल पाई. कोर्ट का जो पूरा ऑर्डर आया है उसे हम देखेंगे और उसके बाद आगे की कानूनी कार्रवाई करेंगे. हम आज कोर्ट के ऑर्डर से सहमत नहीं है.'
मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को CBI ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद 28 फरवरी को उन्होंने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. 9 महीने के भीतर मामला लोअर कोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है, लेकिन मामले में उन्हें राहत नहीं मिल पाई है.
सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों को भी जल्दी जांच पूरा करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा, 'ट्रायल 6 से 8 महीने में पूरा करें.' अगर ट्रायल में देर होती है तो सिसोदिया जमानत के लिए 3 महीने के अंदर दोबारा अपील कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर मुकदमा 'ढुलमुल तरीके' से आगे बढ़ता है, तो सिसोदिया इन मामलों में तीन महीने में जमानत के लिए आवेदन करने के लिए स्वतंत्र होंगे.
दूसरी ओर खबर ये भी है कि आम आदमी पार्टी इस आदेश के खिलाफ फिर अपील में जा सकती है. समाचार एजेंसी PTI ने आम आदमी पार्टी के एक सोर्स के हवाले से खबर दी है कि पार्टी इस फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर करने की योजना बना रही है.