विदेश मंत्री एस जयशंकर का कहना है कि बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद भारत की तरफ से जारी सहयोग पर कोई असर नहीं पड़ेगा. NDTV के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में जयशंकर ने यूक्रेन जंग पर भी विस्तार से भारत की स्थिति साफ की है.
इस बातचीत में PM मोदी के तीसरे टर्म के पहले 100 दिन में विदेश नीति के मोर्चे पर हुए डेवलपमेंट की भी अच्छी झलक मिलती है.
भारत की नीति पड़ोसियों को साथ लेकर चलने की रही है. जब विदेश मंत्री से बांग्लादेश के तख्तापलट और भारत के रुख पर सवाल पूछा तो उन्होंने विस्तार से इसका जवाब दिया.
बांग्लादेश की अपनी राजनीति है. वो (तख्तापलट) उनका आंतरिक विषय है. हमारा स्टैंड साफ है, जो भी वहां की मौजूदा सरकार होगी, हम उसके साथ रिश्ता मजबूत रखेंगे. हम उनसे रिश्ते स्थिर रखना चाहते हैं, हमारा सहयोग अच्छा है, लोगों के आपसी रिश्ते भी बढ़िया हैं: एस जयशंकर, विदेश मंत्री
उन्होंने आगे कहा, 'पड़ोसी एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं. जैसे हमारे कुछ पड़ोसियों के यहां भी राजनीतिक घटनाएं हुई हैं. लेकिन बाद में उन्हें सेटल कर लिया गया.'
वहीं ईरान के सुप्रीम लीडर द्वारा भारत पर की गई टिप्पणी पर विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे प्रवक्ता पहले ही इस मामले में हमारी तरफ से टिप्पणी कर चुके हैं.
विदेश मंत्री ने कहा, 'हमारी कोशिश है कि दुनिया में स्थिरता रहे. यूक्रेन में जंग हो रही है, मिडिल ईस्ट में लड़ाई जारी है.'
उन्होंने कहा, 'ये यूक्रेन युद्ध का तीसरा साल है. प्रधानमंत्री जुलाई में रूस गए थे, इसके बाद वे यूक्रेन भी गए. रूस और यूक्रेन दोनों के साथ हमने रिश्ते बना रखे हैं, हम इस स्थिति में हैं कि दोनों देशों के साथ बैठकर बात कर सकें.'
जयशंकर ने कहा कि आने वाले दिनों में 'समिट ऑफ द फ्यूचर' और 'QUAD' समिट पर नजर रहेगी.
समिट ऑफ द फ्यूचर विकासशील देशों की तरक्की का विश्लेषण है. पिछले कुछ अहम सम्मेलन में 2030 एजेंडा को पूरा करने में कई देश कोविड और अन्य कारणों से नाकाम रहे हैं. अब इसका समिट में विश्लेषण किया जाएगा. वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो बोलेंगे, वो दुनिया ध्यान से सुनेगी: जयशंकर
जयशंकर ने कहा, 'QUAD का ये संस्करण बाइडेन और जापान के प्रधानमंत्री का आखिरी सम्मेलन होगा. मैं उम्मीद करता हूं कि इसमें कुछ अहम डेवलपमेंट होंगे.'
वहीं मोदी सरकार में विदेश नीति के रुख पर विदेश मंत्री ने कहा कि अगर आप भारत की पोजीशनिंग समझना चाहते हैं तो पहले 100 दिनों पर गौर फरमाइये.
G7 देशों के साथ मुलाकात के लिए प्रधानमंत्री इटली गए. मैं SCO शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधि के तौर पर गया. यहां रूस, चीन, सेंट्रल एशिया, ईरान हैं. रूस-यूक्रेन दोनों के साथ हमने रिश्ते बना रखे हैं. कुछ दिनों में QUAD होने वाला है, प्रधानमंत्री आसियान भी गए. इस दौरान ग्लोबल साउथ समिट हुई. मतलब हम सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर फोकस हैं. हमारे सबके साथ अच्छे संबंध हैं और हमारी पोजीशनिंग काफी अच्छी है.एस जयशंकर, विदेश मंत्री
जयशंकर ने कहा, 'PM के तीसरे कार्यकाल में भारत में बहुत प्रगति होगी. बीते 10 साल में राष्ट्रीय विकास के लिए हमने कई संस्थान बनाए. आप रोड, रेलवे या किसी भी चीज के आंकड़े देखें, हमने काफी डेवलपमेंट किया है. अगले 5 साल में ये दोगुने होंगे. मैं कहूंगा कि आने वाले कार्यकाल को हम राष्ट्रीय विकास के हिसाब से डिफाइन करेंगे.'
उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन मैं ये भी कहूंगा कि लोकतांत्रिक देशों में मोदी सबसे सीनियर नेताओं में से एक हैं. लोग उनकी कद्र करते हैं. मुझे लगता है कि युद्ध से जूझ रही दुनिया में शांति स्थापित करने में PM मोदी का योगदान हो सकता है. पहले 100 दिन में इसकी झलक भी दिखाई दे रही है.'