'मैं कभी भूल नहीं सकता, जब इन BJP वालों ने झूठे आरोप में मुझे जेल में डाला. वहां मेरे साथ बेहद बुरा बर्ताव हुआ. सोनिया गांधी मुझसे मिलने आई थीं. मैंने कोई पद लेने की बजाय जेल में रहना चुना.' ये शब्द हैं, उस कांग्रेसी नेता के, जो कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election) में पार्टी के लिए 'संकटमोचक' साबित हुआ.
कर्नाटक के उस चर्चित और लोकप्रिय नेता का नाम है-DK शिवकुमार. कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद के लिए शिवकुमार का नाम आगे चल रहा है.
80 के दशक में सक्रिय राजनीति में आए DK शिवकुमार ने 1985 में अपना पहला चुनाव लड़ा. उस दौर के दिग्गज नेता रहे JDS चीफ HD देवेगौड़ा से. एक युवा नेता अपना पहला चुनाव हार गया. 1989 में एक बार फिर वो मैदान में उतरे और इस बार जीत हासिल की. इस बार कांग्रेस भी सत्ता में आई. इसके बाद से वो कोई चुनाव नहीं हारे.
डोड्डालाहल्ली केम्पेगौड़ा में गौउरम्मा और केम्पेगौड़ा के घर जन्मे शिवकुमार ने अपनी शुरुआती पढ़ाई बेंगलुरु से की थी और फिर 80 के दशक में उन्होंने मैसूर से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया.
पहले चुनाव में HD देवेगौड़ा से चुनाव हारने वाले शिवकुमार ने 1999 में उनके बेटे HD कुमारस्वामी को साथनूर सीट से हराया. देवेगौड़ा परिवार के साथ उनकी प्रतिद्वंद्विता यहीं से शुरू हो गई थी.
2002 में जब SM कृष्णा मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने शिवकुमार को शहरी विकास मंत्री बनाया. यहीं से राजनीति में शिवकुमार का कद तेजी से बढ़ा. कहा जाता है कि यही वो दौर था, जब उनका बिजनेस भी तेजी से बढ़ने लगा.
शिवकुमार के बिजनेस के साथ उनकी संपत्ति तेजी से बढ़ने लगी. 5 साल पहले उन्होंने अपनी संपत्ति 840 करोड़ रुपये बताई थी, जबकि इस साल नोमिनेशन के दौरान उन्होंने अपनी संपत्ति 1,413.78 करोड़ रुपये बताई है.
DK शिवकुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं. मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के भी आरोप लगे. ED ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया था. तिहाड़ जेल में उन्हें रखा गया था.
वे अभी भी CBI, ED और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच के दायरे में भी हैं. ED दो मामलों में जांच कर रही है, जिनमें एक मामला नेशनल हेराल्ड से जुड़ा है. वहीं CBI, आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में जांच कर रही है. वे 100 से ज्यादा दिन जेल में काट चुके हैं. फिलहाल वे जमानत पर बाहर हैं.
वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले DK शिवकुमार को सोनिया और राहुल गांधी का करीबी कहा जाता है. राजनीति में कई ऐसे मौके आए जब कांग्रेस मुश्किल में रही और DK शिवकुमार ने पार्टी को संकट से उबारा. इसलिए उन्हें कांग्रेस का 'संकटमोचक' भी कहा जाता है.
पिछले चुनाव में जब पार्टी को प्रचंड बहुमत नहीं मिला था तो BJP को सरकार बनाने के लिए विधायकों की जरूरत थी. ऐसे वक्त में DK शिवकुमार ही थे, जिनके चलते BJP, कांग्रेस के विधायकों को नहीं तोड़ पाई थी. राज्यसभा चुनाव के दौरान भी विधायकों की घेराबंदी की जिम्मेदारी उन्हें दी गई और अहमद पटेल, राज्यसभा सदस्य बन पाए.
DK शिवकुमार लगातार 8वीं बार विधायक बने हैं. कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन के बाद मीडिया से बात करते हुए वो भावुक हो गए. उन्होंने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की जीत बताया और उस दिन को याद किया, जब सोनिया गांधी उनसे जेल में मिलने आई थीं.
उन्होंने कहा, 'मैं भूल नहीं सकता जब सोनिया गांधी मुझसे जेल में मिलने आई थी तब मैंने पद पर रहने की बजाय जेल में रहना चुना, पार्टी को मुझ पर इतना भरोसा था.' उन्होंने सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का धन्यवाद देते हुए इसे कांग्रेस के सामूहिक प्रयास का नतीजा बताया.
कर्नाटक में कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद DK शिवकुमार को मुख्यमंत्री पद का बड़ा दावेदार बताया जा रहा है.