Madhya Pradesh Election 2023 Result: मध्य प्रदेश में अब तक के रुझानों में BJP की वापसी होती नजर आ रही है.
दोपहर 2 बजे तक चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक BJP 161 सीटों पर आगे चल रही थी, जबकि कांग्रेस की महज 67 सीटों पर बढ़त है. BJP का वोट शेयर 48.73% रहा है, जबकि कांग्रेस को 40.36% रहा है.
ऐसा लग रहा है जैसे BJP की मिली-जुली रणनीतियां काम कर गई हैं, जिनमें केंद्रीय मंत्रियों की प्रदेश में वापसी, मुख्यमंत्री के चेहरे के बजाए PM मोदी के नाम पर प्रचार, फिर क्षेत्रीय नेताओं का बढ़िया प्रदर्शन जैसी कई वजहें शामिल थीं. इस चुनाव में शिवराज सिंह चौहान की लाडली लक्ष्मी और लाडली बहना योजना को भी अहम फैक्टर माना जा रहा है. इसके अलावा कांग्रेस की आपसी गुटबाजी का खामियाजा भी पार्टी को भुगतना पड़ा है.
वैसे तो तमाम पोल्स में आए नंबर्स में मध्य प्रदेश में BJP की सरकार आने की झलक मिल गई थी. लेकिन न्यूज 24-चाणक्य के सर्वे में पार्टी को 151 सीटें दी गई थीं, जो नतीजों के ज्यादा पास नजर आ रही हैं.
दोपहर 2 बजे तक, ECI वेबसाइट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह पटेल नरसिंहपुर सीट से 15,684 वोटों से ज्यादा की लीड बना चुके हैं. जबकि काफी समय तक पीछे रहे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी दिमनी सीट पर वापसी करते हुए 1,195 वोटों की लीड बना ली है. इसके अलावा विधानसभा चुनाव लड़ रहे गाडरवारा से राव उदय प्रताप, सीधी से सांसद रीति पाठक और जबलपुर पश्चिम से राकेश सिंह भी आगे चल रहे हैं.
वहीं BJP सांसदों में सिर्फ फग्गन सिंह कुलस्ते ही मंडला जिले में निवास सीट से पीछे चल रहे हैं. वे चैनसिंह बरकड़े 9,597 वोटों से पीछे हैं.
BJP ने कई बड़े प्रमुख चेहरों को चुनाव में उतारकर ये तो साफ कर दिया था कि इस बार मुख्यमंत्री पद के लिए पहले से कोई चेहरा तय नहीं किया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने ताबड़तोड़ रैलियां कीं. बेहतर नतीजे आने के बाद खुद CM शिवराज सिंह ने कहा प्रधानमंत्री के नाम पर वोटिंग की बात कही.
उन्होंने कहा कि 'PM मोदी MP के मन में हैं. उन्होंने सभाएं कीं और जनता से अपील कीं. जो जनता के दिल को छू गईं. इसके चलते ही ये नतीजे आ रहे हैं. डबल इंजन की सरकार में हमारे यहां काम ठीक से लागू किए गए. लाडली लक्ष्मी से लेकर लाडली बहना तक मध्य प्रदेश ने शानदार सफर तय किया. ये जनता के दिल को छू गए.'
वैसे तो BJP ने मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरा घोषित नहीं किया है. लेकिन कुछ बड़े नामों पर चर्चा हो सकती है.
शिवराज सिंह चौहान: चार बार मुख्यमंत्री रहे. इस चुनाव में जीत का बड़ा श्रेय भी उन्हें जाता है.
कैलाश विजयवर्गीय: अब तक चुनाव नहीं हारे. मालवा क्षेत्र के बड़े नेता. राष्ट्रीय महासचिव रहे हैं.
नरेंद्र सिंह तोमर: केंद्रीय मंत्री हैं. प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. युवा मोर्चा से लेकर राज्य फिर देश की राजनीति में दखल रहा.
प्रहलाद सिंह पटेल: फिलहाल केंद्रीय राज्य मंत्री हैं. महाकौशल क्षेत्र के बड़े नेता, चार अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. लोध जाति के बड़े नेता.
इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और नरोत्तम मिश्रा जैसे नेता भी दावेदारी कर सकते हैं. हालांकि दतिया में फिलहाल नरोत्तम मिश्रा की स्थिति अच्छी नहीं दिख रही है और वे लगातार पिछड़ रहे हैं.
वैसे इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. आखिर अतीत में हमने देखा है कि कैसे BJP हाई कमान के आदेश पर महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तराखंड जैसे राज्यों में अपेक्षाकृत कम जनाधार और पहचान वाले देवेंद्र फडणवीस, मनोहर लाल खट्टर, पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया था.