तारीख थी- 27 अक्टूबर और दिन था- रविवार. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले NDTV मराठी के कॉन्क्लेव में एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया ने डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस के इंट्रो के दौरान कहा था कि महाराष्ट्र के बारे में कोई बात होती है तो लोग व्यवहारिक रूप से 'देवेंद्र फडणवीस' को ही मुख्यमंत्री मान कर चलते हैं. ये एक 'समस्या' है.
इस पर देवेंद्र फडणवीस ने मुस्कुराते हुए कहा था कि लोग ऐसा मानकर चलते हैं तो ये 'समस्या' नहीं है, बल्कि 'समाधान' है. हालांकि उन्होंने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा था, 'इसका मतलब ये नहीं कि वे ही मुख्यमंत्री बनने वाले हैं. बस ये कह रहा हूं कि इसे समस्या नहीं माना जाए.'
करीब एक महीना गुजरा और आज है तारीख- 23 नवंबर. चुनावी नतीजों का दिन. अब तक के रुझानों में महाराष्ट्र की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है. देवेंद्र फडणवीस ने तब जिस ओर इशारा किया था, वो आज सच होता दिख रहा है.
सच ये कि BJP ने महाराष्ट्र में शानदार प्रदर्शन किया है और तय है कि BJP सबसे बड़ी पार्टी बन के उभरेगी. महायुति की सरकार बननी भी तय है और इसमें BJP को उनके सहयोगी पार्टियों, NCP और शिवसेना की जरूरत कम पड़ेगी.
आगे बढ़ने से पहले ये वीडियो देख लीजिए.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर अभी तक आए रुझानों में महायुति की आंधी देखने को मिल रही है. दोपहर एक बजे तक के रुझानों के मुताबिक, महायुति अब 239 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं, MVA यानी महाविकास अघाड़ी 49 सीटों पर आगे है.
ECI के आंकड़ों के मुताबिक, जिन 239 सीटों पर महायुति आगे चल रही है, उनमें से BJP एक सीट पर जीत हासिल कर चुकी है, जबकि 124 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं, BJP की सहयोगी शिवेसना फिलहाल 55 सीटों पर और अजित पवार की NCP 37 सीटों पर लीड कर रही है.
राजनीतिक जानकार ऐसा मान कर चल रहे हैं कि अगर रुझान आगे भी ऐसे ही बने रहे तो BJP को सहयोगी पार्टियों की कम ही दरकार रह जाएगी. मौजूदा रुझान नतीजों में तब्दील हुए तो इसका सीधा असर महायुति के बाकी पार्टियों यानी एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की NCP पर पड़ेगा.
BJP के इस कदर उभरने से सबसे ज्यादा असर शिवसेना और NCP की बारगेनिंग पावर पर पड़ेगा. यानी गठबंधन में रहते हुए ये पार्टियां पहले की तरह सरकार के फैसलों, नीतियों या अन्य गतिविधियों पर बारगेंनिंग करने की स्थिति में नहीं रह जाएंगी.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, महायुति की सरकार में डिप्टी CM रहे. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, सरकार बनाने के लिए सहयोग लेने के चलते BJP को CM पद शिवसेना को देना पड़ा, लेकिन अब, जबकि BJP सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभर रही है तो निश्चित तौर पर CM की कुर्सी अपने पास रखना चाहेगी.
स्थिति ये हो सकती है कि चुनावी नतीजे पूरी तरह स्पष्ट होने के बाद एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नहीं रह पाएंगे. BJP अब इस पोस्ट पर फडनवीस या अपनी ही पार्टी का कोई दूसरे नेता को CM बनाएगी और एकनाथ शिंदे और अजित पवार चाहकर भी इसका विरोध नहीं कर पाएंगे.
BJP की बड़ी जीत का असर, मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे पर भी पड़ेगा. अब पहले की तरह शिवसेना या NCP मनपसंद विभागों के लिए दबाव भी नहीं बना पाएगी. यानी ये BJP पर निर्भर करेगा कि किन पार्टियों को कितने और कौन-से विभाग दिए जाएं.