10 साल बाद हुए विधानसभा चुनावों के बाद जम्मू-कश्मीर में धमाकेदार जीत दर्ज करने वाली नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) पार्टी के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में आठ अन्य सांसदों को भी शपथ दिलाई.
इसमें ट्विस्ट ये है कि इस सरकार में कांग्रेस शामिल नहीं है. कांग्रेस उमर सरकार को बाहर से ही समर्थन देने का फैसला किया है. कांग्रेस ने अब्दुल्ला की पार्टी के साथ गठबंधन किया था लेकिन चुनावों में प्रदर्शन उतना दमदार नहीं रहा और सरकार से बाहर रहना ही बेहतर समझा. सूत्रों ने आज सुबह NDTV को बताया कि उसे एक मंत्री पद की पेशकश की गई थी, जिसे उसने अस्वीकार कर दिया और बाहर से समर्थन देने का फैसला किया है.
उमर अब्दुल्ला के साथ NC की तरफ से सुरिंदर चौधरी,सतीश शर्मा, सकीना इटू, जावेद राणा ने मंत्री पद की शपथ ली. सुरिंदर चौधरी डिप्टी CM बनाए गए हैं. शपथ ग्रहण समारोह में इंडिया गठबंधन के कई नेता पहुंचे थे. मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, सुप्रिया सुले, अखिलेश यादव कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए श्रीनगर पहुंचे थे.
अपने शपथ ग्रहण समारोह से पहले उमर अब्दुल्ला ने आशा व्यक्त की कि केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा जम्मू कश्मीर के लिए अस्थाई होगा. अब्दुल्ला ने ANI से कहा, "हम लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए भारत सरकार के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करना होगा.