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One Nation, One Election: आज लोकसभा में पेश होगा बिल! BJP और कांग्रेस ने सभी सांसदों को जारी किया व्हिप

पिछले हफ्ते कैबिनेट ने संविधान में संशोधन करने और BJP को अपने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' प्रस्ताव को लागू करने की अनुमति देने के लिए दो बिलों को मंजूरी दी थी.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी09:50 AM IST, 17 Dec 2024NDTV Profit हिंदी
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देश भर में एक साथ चुनाव कराने के लिए सरकार आज लोकसभा में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल पेश कर सकती है. NDTV के सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इस बिल को संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 विधेयक को पेश कर सकते हैं. लोकसभा में BJP के मुख्य सचेतक डॉ. संजय जायसवाल ने पत्र जारी करते हुए सभी सांसदों को मंगलवार को लोकसभा में उपस्थित रहने के लिए कहा है. उधर, राज्‍यसभा में आज भी 'संविधान पर चर्चा' होगी.

BJP, कांग्रेस दोनों तैयार, हंगामे के पूरे आसार

इसे लेकर विपक्ष भी तैयार है, कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल वन नेशन वन इलेक्‍शन बिल के पक्ष में नहीं हैं.शिवसेना ने एक साथ चुनाव कराने संबंधी विधेयक लोकसभा में पेश किए जाने के मद्देनजर अपने सांसदों को व्हिप जारी कर मंगलवार को सदन में उपस्थित रहने को कहा है. यानी लोकसभा में आज की कार्यवाही हंगामेदार रहने वाली है.

एक बार पेश होने के बाद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से विधेयक को व्यापक परामर्श के लिए एक संयुक्त समिति को भेजने के लिए कहेंगे - जिसका गठन कई दलों की ओर से आयोजित सीटों की संख्या के आधार पर किया जाएगा. सदन में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते BJP बनने वाली समिति की अध्यक्षता करेगी और उसे सबसे ज्यादा सीटें भी मिलेंगी. दिन के अंत तक समिति के सदस्यों की घोषणा कर दी जाएगी. सूत्रों ने बताया कि शुरुआती अवधि 90 दिन की होगी, लेकिन इसे बढ़ाया जा सकता है.

पिछले हफ्ते कैबिनेट ने संविधान में संशोधन करने और BJP को अपने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' प्रस्ताव को लागू करने की अनुमति देने के लिए दो बिलों को मंजूरी दी थी. सितंबर में दायर एक रिपोर्ट में, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के नेतृत्व वाले और सदस्य के रूप में गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक पैनल की ओर से बिल और संशोधनों की सिफारिश की गई थी.

क्या है बिल में?

पहले बिल में ये विधानसभाओं के कार्यकाल को लोकसभा से जोड़ने वाला एक संशोधन है; इसका मतलब है कि 2029 के बाद चुनी गई राज्य सरकारों का कार्यकाल उस लोकसभा के कार्यकाल के साथ ही खत्म हो जाएगा. इसलिए, 2031 में चुनी गई विधानसभा 2034 में भंग हो जाएगी और अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं करेगी, इसलिए इसका अगला चुनाव चक्र 20वीं लोकसभा चुनाव के साथ लिंक किया जा सकता है.

दूसरे बिल में तीन केंद्र शासित प्रदेशों - पुडुचेरी, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर की विधानसभाओं में बदलाव का प्रस्ताव है ताकि इसे राज्यों और लोकसभा के साथ जोड़ा जा सके.

इन प्रावधानों के 2034 के चुनाव से पहले लागू होने की उम्मीद नहीं है, बिल के मुताबिक, इसके प्रावधानों को नई लोकसभा की पहली बैठक के बाद नोटिफाई की जाने वाली 'तय' तारीख के बाद लागू किया जाएगा. एक बार तारीख तय होने पर, अगर विधानसभा को निर्धारित समय से पहले भंग कर दिया जाता है, तो पिछले कार्यकाल को पूरा करने के लिए नई विधानसभा के लिए मध्यावधि चुनाव होंगे. रामनाथ कोविंद पैनल का मानना ​​है कि इन बिल्स को राज्यों के समर्थन की जरूरत नहीं होगी.

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