प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पोलैंड की यात्रा पर हैं. चार दशकों से भी ज्यादा वक्त में कोई भारतीय प्रधानमंत्री पोलैंड की यात्रा पर गया है. PM मोदी से पहले 1979 में मोरारजी देसाई (Morarji Desai) पोलैंड की यात्रा पर गए थे.
अपनी 'पहली यात्रा' को लेकर उन्होंने प्रवासी भारतीयों की एक सभा में कहा कि हाल में ऑस्ट्रिया की उनकी यात्रा चार दशकों में पहली बार हुई है. उन्होंने हंसते हुए कहा, "ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे कई चीजें पहली बार करने का मौका मिला है.
दशकों से भारत की नीति सभी देशों से दूरी बनाए रखने की थी. उन्होंने कहा, ''अब स्थिति बदल गई है... आज भारत की नीति सभी देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखने की है. आज का भारत हर किसी से जुड़ना चाहता है.' उन्होंने 1970 के दशक में तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए ये बात कही.
आज का भारत सबके साथ है और सबके हित के बारे में सोचता है. आज दुनिया भारत को विश्वबंधु के रूप में सम्मान देती है.
पिछले कुछ सालों में, PM मोदी कई देशों में पहली बार गए हैं, इनमें जो सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा वो है इजरायल की यात्रा. इसने दोनों देशों के बीच रिश्तों को और मजबूत किया.
पोलैंड की यात्रा यूरोप और मिडिल ईस्ट से जुड़े मामलों में भारत की बढ़ी हुई भागीदारी को दर्शाती है. रूस-यूक्रेन संघर्ष और हमास पर इजरायल के युद्ध दोनों में, PM मोदी ने एक शांतिदूत की भूमिका निभाई है, उनके आज यूक्रेन जाने की उम्मीद है.
स्वीडन रवाना होने से पहले PM मोदी ने कहा था कि उनकी यात्रा पोलैंड के साथ 70 सालों के राजनयिक संबंधों को बताती है जो अब सेंट्रल यूरोप में अहम आर्थिक साझेदार भी है.
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनल्ड टस्क के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी. PM मोदी आज ही पोलैंड के राष्ट्रपति एंड्रेज डूडा से मिलेंगे. इसके बाद बिजनेस लीडर्स, इंडोलॉजिस्ट और कबड्डी खिलाड़ियों से भी मुलाकात करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ''हमारा द्बिपक्षीय व्यापार मजबूत है. ये 600 करोड़ डॉलर का ऑर्डर पोलैंड को सेंट्रल और पूर्वी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनाता है. पोलैंड में भारत का निवेश लगभग 300 करोड़ डॉलर होने का अनुमान है, और भारत में पोलिश निवेश लगभग 100 करोड़ डॉलर है.