राहुल गांधी (Rahul Gandhi) लोकसभा (Lok Sabha) में नेता प्रतिपक्ष (Leader Of Opposition) होंगे. कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी KC वेणुगोपाल ने इसकी पुष्टि की है.
लोकसभा में 10 साल बाद नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति हो रही है. दरअसल बीते 10 साल से विपक्ष की कोई भी पार्टी 10% (54) सांसद चुनकर नहीं भेज पा रही थी. इसलिए ये पद खाली था.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के निवास पर I.N.D.I.A. ब्लॉक की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया है. मीटिंग के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता KC वेणुगोपाल ने कहा, 'कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने प्रोटेम स्पीकर भृर्तहरी मेहताब को खत लिखकर लोकसभा में राहुल गांधी की नेता प्रतिपक्ष के तौर पर नियुक्ति के बारे में बताया है.' वहीं दूसरी नियुक्तियों पर बाद में फैसला किया जाएगा.
बता दें राहुल गांधी 5 बार सांसद रह चुके हैं. इस बार वे रायबरेली और वायनाड से सांसद चुने गए हैं. उन्होंने वायनाड सीट छोड़ने का भी ऐलान किया है, जहां से कांग्रेस उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को उम्मीदवार बनाएगी. उन्होंने मंगलवार को संविधान की कॉपी के साथ सांसद पद की शपथ ली.
बता दें नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा होता है. इसके अलावा ये कई अहम पदों पर नियुक्ति का फैसला करने वाले पैनल में शामिल होता है. इन पदों में CBI, ED, CIC, CVC और अन्य अहम पोस्ट शामिल हैं. इतना ही नहीं ये कई अहम संसदीय समितियों का हिस्सा भी होता है. कुल मिलाकर लोकतंत्र में शक्ति संतुलन की व्यवस्था में नेता प्रतिपक्ष अहम भूमिका निभाता है.
नेता प्रतिपक्ष की शक्तियों को विस्तार से समझने के लिए देखें NDTV प्रॉफिट हिंदी के आर्काइव से ये वीडियो: