सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री को चुनाव के लिए अयोग्य ठहराने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है.
याचिकाकर्ता का कहना था कि प्रधानमंत्री ने सांप्रदायिक नफरती भाषण देते हुए आचार सहिंता का उल्लंघन किया है. ऐसे में उनके ऊपर 6 साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.
रिट पेटिशन में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पर भी नफरती भाषण देने का आरोप लगाया गया था. उन्हें भी प्रतिबंधित करने की मांग की गई थी. कोर्ट से चुनाव आयोग को निर्देश देकर ये कार्रवाई करवाने की गुहार लगाई गई थी.
याचिका को खारिज करते हुए विक्रम नाथ और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने याचिकाकर्ताओं से 'उपयुक्त संस्था' की शरण में जाने की सलाह दी. कोर्ट ने पूछा, 'क्या आपने अथॉरिटीज के पास अपील की. मैंडेमस रिट के लिए आपको पहले अथॉरिटीज के पास जाना चाहिए.'
ये याचिका फातिमा नाम की महिला ने लगाई थी. याचिका में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने हिंदू देवी-देवताओं और धर्म स्थलों के नाम पर BJP के लिए वोट मांगे हैं.