दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना होगा और जेल जाना होगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने केजरीवाल की याचिका को स्वीकार करने से ही इनकार कर दिया है.
अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाला मामले में मिली अंतरिम जमानत को 7 दिन और बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी. केजरीवाल ने स्वास्थ्य को आधार बनाते हुए मामले की आज ही सुनवाई की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया है. अरविंद केजरीवाल का कहना है कि उनका वजन 6-7 किलोग्राम घट गया है. इस वजह से कई टेस्ट कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की अवधि सात दिन और बढ़ाने की मांग की थी.हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने रेगुलर बेल के लिए केजरीवाल को निचली अदालत में जाने की छूट दी है.
अरविंद केजरीवाल की पैरवी कर रहे सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका में कहा, "स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं और बढ़ते जोखिम के संकेतों को देखते हुए, जेल की सजा के दौरान उन्हें लंबे समय में होने वाले नुकसान से बचाने के लिए एक मेडिकल जांच की जरूरत है' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था कि जमानत पर बाहर रहने के दौरान केजरीवाल सार्वजनिक रूप से सामने रहेंगे.' सिंघवी ने कहा, 'कानूनी प्रक्रिया से भागने का कोई जोखिम नहीं है और सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय शर्तों का पालन किया गया है'.
याचिका में केजरीवाल ने कहा है कि उनका कीटोन लेवल बहुत ज्यादा है, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. ये किडनी और दिल की गंभीर बीमारी और यहां तक कि कैंसर का संभावित संकेतक है.
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को प्रचार करने के लिए 1 जून तक यानी 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी, इसके बाद 2 जून को उन्हें वापस जेल लौटना होगा. आम आदमी पार्टी देशभर में कई सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ रही है. केजरीवाल के खिलाफ मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति बनाने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. हालांकि, ये नीति अब रद्द की जा चुकी है, लेकिन भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला चल रहा है.