आज यानी 2 अप्रैल को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) पेश कर दिया गया है. वक्फ संशोधन बिल को लोकसभा में पेश किया गया वैसे ही विपक्ष आपत्ति जताने लगा, जिस पर गृह मंत्री अमित शाह ने उठकर कहा कि कांग्रेस की कमिटियां बस ठप्पा लगाती थीं. अब सदन में बिल पर चर्चा चल रही है.
वक्फ बिल पेश होने से NDA और INDIA गठबंधन में बैठकों सिलसिला चला. BJP और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अपने-अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है और संसद में पूरी कार्यवाही के दौरान अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'मैं ये कहना चाहता हूं कि दोनों सदनों की संयुक्त समिति में वक्फ संशोधन विधेयक पर जो चर्चा हुई है, वह भारत के संसदीय इतिहास में आज तक कभी नहीं हुई. मैं संयुक्त समिति के सभी सदस्यों को धन्यवाद और बधाई देता हूं. अब तक विभिन्न समुदायों के राज्य धारकों के कुल 284 प्रतिनिधिमंडलों ने समिति के समक्ष अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए हैं. 25 राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के वक्फ बोर्डों ने भी अपनी प्रस्तुतियां प्रस्तुत की हैं.'
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उन्हें आशा है कि बिल पर विरोध करने वालों के दिल भी बदलेंगे. उन्होंने शायर इमाम आजम का शायर सुनाते हुए कहा 'किसी की बात कोई बद-गुमां न समझेगा. जमीं का दर्द कभी आसमां न समझेगा'.
लोकसभा में स्पीकर बिरला ने भी नियमों को बढ़ते हुए कहा कि समिति बिल में संशोधन कर सकती है. समिति विधेयक के नाम भी भी बदलाव कर सकती है. पहले भी समिति ने कई बिलों में ऐसे संशोधन किए हैं.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा बिल जॉइंट पार्टियामेंट्री कमिटी को गया था. विपक्ष की भी यही मांग थी. कमिटी के सुझाव कैबिनेट के पास गए. भारत सरकार ने इसे स्वीकार किया. संशोधन के रूप में किरेन रिजिजू लेकर आए हैं. कैबिनेट के अनुमोदन के बिना कोई भी संशोधन बिल में शामिल नहीं किए गए हैं. कमिटी ने कोई बदलाव ही नहीं करने थे, तो यह कांग्रेस के जमाने की कमिटी नहीं है. अगर कमिटी ने कोई विचार ही नहीं करने हैं, तो फिर कमिटी किस बात की है.
वक्फ संशोधन बिल के पेश करने पर KC वेणुगोपाल ने सवाल उठाया. इस पर स्पीकर बिरला ने कहा कि सभी गैर-सरकारी और सरकारी संशोधन प्रस्ताव, दोनों को बराबर का समय दिया है. उन्होंने कहा कि दोनों में कोई भेदभाव नहीं किया गया है.
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने वक्फ संशोधन विधेयक पर कहा, 'सत्ता पक्ष इस बिल को लाकर हमारे मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है. आम जनता को इस बिल से कुछ हासिल नहीं होने वाला है. (वक्फ की) जमीनों को लेकर ये साजिश रची जा रही है. इसमें गरीबों को कुछ नहीं मिलेगा. सत्ता पक्ष उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह बिल ला रहा है.'
इस बिल पर लोकसभा में 8 घंटे की चर्चा होगी. इस दौरान सदन में जमकर हंगामा होने के आसार है. ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ पसर्नल बोर्ड पहले ही इस पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है.