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Chabahar Port Deal: ईरान के साथ डील पर अमेरिका ने दी भारत को प्रतिबंधों की चेतावनी

अमेरिका ने कहा है कि ईरान के लिए अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंध जारी रहेंगे और हमें उन्हें लागू करना आगे भी जारी रखेंगे
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी10:42 AM IST, 14 May 2024NDTV Profit हिंदी
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ईरान के साथ अगर किसी भी तरह की बिजनेस डील करनी है तो प्रतिबंधों के लिए तैयार रहिए. ये चेतावनी दी है अमेरिका ने. अमेरिका की ओर से ये बयान तब आया है, जब भारत और ईरान ने चाबहार पोर्ट (Chabahar Port) के लिए डील पर दस्तखत किए हैं.

अमेरिका में राज्य विभाग के डिप्टी प्रवक्ता वेदांत पटेल (Vedant Patel) ने कहा, 'हमारे पास भारत और ईरान के चाबहार पोर्ट की डील साइन करने से जुड़ी रिपोर्ट हैं. हम चाहते हैं कि भारत सरकार अपने विदेश नीति के लक्ष्य और चाबहार पोर्ट के बारे में अपना पक्ष रखे. इसके साथ ही वो ईरान के साथ द्विपक्षीय संबंधों के बारे में बताए'.

भारत और ईरान के बीच चाबहार पोर्ट को लेकर चल रही डील पर वेदांत पटेल ने कहा, 'मैं केवल इतना कहूंगा कि ये अमेरिका से जुड़ा हुआ है. ईरान के लिए अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंध जारी रहेंगे और हमें उन्हें लागू करना आगे भी जारी रखेंगे'.

पटेल ने कहा, 'आपने हमें कई मौकों पर कहते हुए सुना होगा कि जो भी ईरान के साथ बिजनेस डील करने पर विचार कर रहे हैं, उन्हें इससे जुड़े खतरों की जानकारी होनी चाहिए और उन्हें प्रतिबंधों से जुड़े जोखिमों के लिए तैयार रहना चाहिए'.

क्या है ये चाबहार डील

भारत और ईरान के बीच ये डील सोमवार को हुई. इस डील के तहत ईरान के चाबहार में शाहिद बेहेश्ती पोर्ट का भारत 10 साल के लिए इस्तेमाल करेगा. ऐसा पहली बार होगा कि

किसी विदेशी पोर्ट का मैनेजमेंट कंट्रोल पूरी तरह से भारत के हाथ में होगा. इससे भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच व्यापार तेजी से बढ़ेगा. क्योंकि पड़ोसी पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए मध्य एशिया में कारोबार करने का नया रास्ता मिल जाएगा.

दरअसल, पहले भारत से अफगानिस्तान कोई भी सामान अगर भेजना होता था तो पाकिस्तान के रास्ते होकर गुजरता था. भारत चाहता था कि उसे पाकिस्तान के रूट का विकल्प मिले, जिससे वो अपना सामान अफगानिस्तान भेज सके. ये रूट अब भारत को मिल गया है. अब उसे अफगानिस्तान के लिए अलावा मध्य एशिया तक पहुंच मिल जाएगी.

ये पोर्ट भारत और अफगानिस्तान को व्यापार के लिए वैकल्पिक रास्ता मुहैया कराएगा. डील के तहत भारतीय कंपनी इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) चाबहार पोर्ट में 120 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी. ये डील इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) और ईरान के पोर्ट एंड मैरीटाइम ऑर्गनाइजेशन (PMO) के बीच की गई है.

भारत चाबहार पोर्ट का एक हिस्सा विकसित कर रहा है और पोर्ट के विकास पर चर्चा 2003 में ईरानी राष्ट्रपति मुहम्मद खातमी की भारत यात्रा के दौरान हुई थी. 2013 में भारत ने चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए 100 मिलियन डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई थी.

इससे पहले, भारत की ओर से चाबहार पोर्ट को बनाने के लिए करार (MoU) पर मई 2015 में हस्ताक्षर किए गए थे. इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा के दौरान 23 मई 2016 को तेहरान (ईरान) में कॉन्ट्रैक्ट को लागू किया गया था.

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