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Russia-Ukraine War: 800 किलोमीटर का बफर जोन, यूक्रेन की NATO में एंट्री को ना; क्या है ट्रंप की शांति योजना?

डॉनल्ड ट्रंप लगातार सत्ता में वापसी की स्थिति में यूक्रेन युद्ध जल्दी रुकवाने की बात कहते रहे हैं. समझते हैं क्या हैं ट्रंप का शांति प्लान
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी02:19 PM IST, 10 Nov 2024NDTV Profit हिंदी
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अमेरिका के 'प्रेसिडेंट इन वेटिंग' डॉनल्ड ट्रंप लगातार रूस-यूक्रेय युद्ध को अपने सत्ता में आने की स्थिति में जल्द रुकवाने का दावा करते रहे हैं. आखिर वे किस आधार पर ये युद्ध रुकवाने का दावा करते रहे हैं. आखिर उनका प्लान क्या है?

द टेलीग्राफ ने डॉनल्ड ट्रंप के स्टाफ में शामिल 3 लोगों के हवाले से यूक्रेन में शांति रोकने के उनके प्लान के बारे में बताया है.

दरअसल डॉनल्ड ट्रंप यूक्रेन में मौजूदा फ्रंटलाइन को बरकरार रख 800 किलोमीटर लंबा बफर जोन बनाने का प्रस्ताव रख सकते हैं. साथ ही वे यूक्रेन पर अगले कुछ सालों तक नाटो में शामिल ना होने का दबाव बनाने और संगठन में शामिल होने की अपनी सिफारिश वापस लेने को कह सकते हैं. इस कदम से रूस के संतुष्ट होने का अनुमान है.

इसके बदले अमेरिका यूक्रेन में जबरदस्त जंगी हथियारों की सप्लाई करेगा. ताकि रूस में नई जंग के लिए डर पैदा किया जा सके.

यूक्रेन नहीं जाएंगे अमेरिकी सैनिक

हालांकि अमेरिका ने स्पष्ट तौर पर अपने सैनिकों को यूक्रेन भेजने से मना कर दिया है. ट्रंप की टीम के सदस्य ने भी इसकी पुष्टि की है और कहा है कि बफर जोन को लागू करवाने के लिए अमेरिका अपने सैनिकों को नहीं भेजेगा.

बता दें ट्रंप, जे डी वांस समेत उनकी टीम के कई समर्थक चुनावी कैंपेन के दौरान यूक्रेन की सैन्य और वित्तीय सहायता करने के लिए बाइडेन प्रशासन की आलोचना करते रहे हैं.

ट्रंप ने जेलेंस्की से बात की

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिकी चुनाव में जीत के बाद डॉनल्ड ट्रंप से बात की है. जेलेंस्की ने बुधवार को X पर एक पोस्ट में कहा, 'हम करीबी संवाद बनाए रखने और अपने सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए. दुनिया और शांति के लिए मजबूत अमेरिकी नेतृत्व बेहद जरूरी है.

इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी ट्रंप को चुनाव जीतने की बधाई दे चुके हैं. अब तक जेलेंस्की दोहराते रहे हैं कि शांति तब तक स्थापित नहीं की जा सकती, जब तक सभी रूसी सुरक्षाबलों को यूक्रेन से बाहर नहीं कर दिया जाता और कब्जाए हुए सभी इलाके यूक्रेन को वापस नहीं मिल जाते. ऐसे में फ्रंटलाइन को बरकरार रखते हुए बफर जोन बनाए जाने की ट्रंप की कोशिशों का क्या असर होता है, ये सिर्फ भविष्य ही बता सकता है.

रूस ने 2014 में क्रीमिया पर कब्जा किया था. इसके बाद फरवरी, 2022 से शुरू हुई जंग के बाद अब तक रूस, यूक्रेन के करीब 20% क्षेत्रफल पर कब्जा कर चुका है.

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