विदेश मंत्री एस जयशंकर ने SCO समिट में अपने भाषण में सदस्य देशों में क्षेत्रीय अखंडता और आपसी सम्मान की भावना पर आधारित सहयोग की जरूरत पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि आंतकी गतिविधियों के बीच व्यापार तेज नहीं हो सकता. जयशंकर ने चीन का नाम लिए बिना इशारों-इशारों में साफ कहा कि किसी भी देश की सीमा का सम्मान करना जरूरी है.
उन्होंनें आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद को तीन 'बुराई' बताया और कहा कि देशों के बीच सहयोग एकतरफा एजेंडे पर नहीं बल्कि ईमानदारी भरी साझेदारी से पनपता है.
जयशंकर ने कोविड महामारी के साथ-साथ इजरायल-हमास-हिजबुल्ला और रूस-यूक्रेन संघर्षों का उल्लेख भी किया और कहा कि ये बैठक एक बेहद कठिन वक्त में हो रही है.
तमाम तरह की बाधाएं, चाहे वे मौसम से जुड़ी घटनाएं हों या सप्लाई चेन से जुड़ी अनिश्चितताएं या फिर वित्तीय अस्थिरता, ये ग्रोथ को प्रभावित कर रही हैं. आज दुनिया सस्टेनेबल डेवलपमेंट टारगेट्स को पाने में कहीं पीछे रह गई है, इस बीच कर्ज भी एक गंभीर चिंता का विषय बनकर उभरा है, साथ ही कई अन्य चिंताएं भी हैं.एस जयशंकर
विदेश मंत्री ने विकास को बल देने और विवादों से बचने के लिए बहुमुखी क्षेत्रीय सहयोग की जरूरत बताई. उन्होंने कहा, 'आंतकवाद, उग्रवाद जैसी सीमापार की गतिविधियों के चलते व्यापार, एनर्जी फ्लो और कनेक्टिविटी जैसी चीजों को गति नहीं मिल सकती.'
बता दें सुषमा स्वराज के 2015 के दौरे के बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री की ये पाकिस्तान की पहली यात्रा है.
जयशंकर अपनी दो दिवसीय पाकिस्तान यात्रा के लिए मंगलवार को रावलपिंडी पहुंचे, जहां उनका स्वागत पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के महानिदेशक इलियास महमूद निजामी ने किया. बाद में उन्होंने डिनर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) से बातचीत की. SCO CHG की दो दिवसीय बैठक की अध्यक्षता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ कर रहे हैं. बैठक का फोकस ट्रेड और आर्थिक एजेंडे पर है.
इस बीच शरीफ ने रीजनल सहयोग बढ़ाने के लिए चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के विस्तार का आह्वान किया. उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव जैसे प्रमुख प्रोजेक्टस से हमारे क्षेत्र में सड़क, रेल और डिजिटल इंफ्रा के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए इसका विस्तार किया जाना चाहिए.'
BRI, इंफ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी नेटवर्क की करीब 1,000 अरब डॉलर की योजना है, जिसे चीन ने एक दशक पहले एशिया को अफ्रीका और यूरोप से भूमि और समुद्री मार्गों से जोड़ने के लिए शुरू किया था. शरीफ ने कहा कि CPEC सहयोग बढ़ाने में भी मदद करेगा. दुनिया की 40% आबादी SCO के 10 फुल मेंबर स्टेट्स में रहती है.
SCO में चीन, भारत, रूस, पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस सदस्य हैं. साथ ही 16 पर्यवेक्षक देश हैं. SCO, दुनिया की 40% आबादी और लगभग 30% वैश्विक GDP का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है.