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UK General Elections: ऋषि सुनक की हार, कीर स्टार्मर को कमान! इससे भारत के साथ रिश्तों पर क्या असर पड़ेगा?

जहां तक भारत का सवाल है, भारतीय मूल का होने के नाते ऋषि सुनक को हमेशा से भारत एक सहयोगी और उदार पार्टनर के नजरिए से देखता आया है, लेकिन क्या डिप्लोमैटिक रिश्तों में यही मधुरता लेबर पार्टी के साथ भी बनी रहेगी.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी11:52 AM IST, 05 Jul 2024NDTV Profit हिंदी
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14 साल के बाद ब्रिटेन में ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को करारी शिकस्त मिली है. ब्रिटेन की कमान अब लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर संभालेंगे. शुरुआती नतीजों में UK की 650 सीटों में से 621 सीटों के नतीजे आ चुके हैं, इसमें कंजर्वेटिव पार्टी 110 सीटें ही अबतक हासिल कर पाई है, जबकि भावी प्रधानमंत्री स्टार्मर की लेबर पार्टी ने 405 सीटों पर कब्जा किया है, जीत हासिल करने के लिए, हाउस ऑफ कॉमन्स में एक पार्टी को 326 सीटें जीतने की जरूरत होती है, यानी ब्रिटेन में अब एक नए युग की शुरुआत हो चुकी है.

स्टार्मर को कमान से बदलेंगे अंतरराष्ट्रीय समीकरण

लेबर पार्टी के ब्रिटेन की सत्ता में लौटने से कई अंतरराष्ट्रीय समीकरण भी बदलेंगे. कुछ रिश्तों को पहले से चली आ रही परंपराओं के हिसाब से ही आगे बढ़ाया जाएगा तो कहीं, रिश्तों की नई इबारत भी लिखनी होगी. दुनिया की नजर इस बात पर होगी स्टार्मर की इंटरनेशनल पॉलिसी का फोकस किस तरफ होगा. प्रधानमंत्री बनने के बाद कीर स्टार्मर का पहला महीना अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूरोपीय नेताओं के साथ बैठकों सहित कई दूसरी अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक उठा-पटक में ही गुजरेगा. डेविड लैमी, जिनके विदेश सचिव बनने की उम्मीद जताई जा रही है, उन्होंने कहा कि 2010 से सत्ता से बाहर लेबर ने प्रगतिशील यथार्थवादी विदेश नीति का वादा किया है.

भारत-UK रिश्तों पर क्या असर होगा?

जहां तक भारत का सवाल है, भारतीय मूल का होने के नाते ऋषि सुनक को हमेशा से भारत एक सहयोगी और उदार पार्टनर के नजरिए से देखता आया है, लेकिन क्या डिप्लोमैटिक रिश्तों में यही मधुरता लेबर पार्टी के साथ भी बनी रहेगी, तो इसका जवाब संभवत: हां ही है, क्योंकि स्टार्मर की विदेश नीति के एजेंडे का एक प्रमुख पहलू UK-भारत संबंधों को मजबूत करने पर होगा.

ऐतिहासिक गलत कदमों, खासतौर पर कश्मीर जैसे मुद्दों पर लेबर के रुख को स्वीकार करते हुए, स्टार्मर ने भारत के साथ एक नई रणनीतिक साझेदारी बनाने का वादा किया है.

भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर स्टार्मर की प्रतिबद्धता और टेक्नोलॉजी, सुरक्षा, शिक्षा और जलवायु परिवर्तन में द्विपक्षीय सहयोग में बढ़ोतरी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत के साथ रिश्तों को ऊपर उठाने की उनकी महत्वाकांक्षा को दर्शाती है. ये बातें सिर्फ भाषणों और कहने सुनने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि लेबर पार्टी के घोषणापत्र में ट्रेड एग्रीमेंट पर जोर देते हुए भारत के साथ "नई रणनीतिक साझेदारी" को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता शामिल थी.

भारतीय प्रवासियों का मुद्दा कैसे सुलझेगा?

UK में भारतीय प्रवासियों के साथ तनावपूर्ण रिश्तों को सुधारने के लिए, स्टार्मर ने अपने अभियान के दौरान घरेलू आउटरीच कोशिशों की शुरुआत की, हिंदूफोबिया की निंदा की और दिवाली और होली जैसे सांस्कृतिक त्योहार मनाए. इन इशारों का उद्देश्य ब्रिटिश-भारतीय समुदायों के भीतर अधिक विश्वास और समावेश को बढ़ावा देना है, जो लेबर के चुनावी गणित के लिए महत्वपूर्ण दांव है.

हालांकि, स्टार्मर के महत्वाकांक्षी विदेश नीति लक्ष्यों, विशेष रूप से इमिग्रेशन पॉलिसीज और ट्रेड एग्रीमेंट को साकार करने की राह में चुनौतियां जरूर हैं. इमिग्रेशन को कम करने की जरूरत पर सहमति के साथ, UK सर्विस इंडस्ट्री में भारतीय श्रमिकों के लिए अस्थायी वीजा पर बातचीत लेबर पार्टी के लिए एक मुश्किल स्थिति पैदा करती है, इस पर संतुलन बनाने की दिशा में लेबर पार्टी को काफी मशक्कत करनी होगी.

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