अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा, डॉनल्ड ट्रंप या फिर कमला हैरिस. इस सवाल का जवाब सीधा-सीधा देना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि इस बार लड़ाई एकतरफा नहीं है. अमेरिका का चुनाव सिर्फ अमेरिका के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए होता है. जाने-माने निवेशक और मार्केट एक्सपर्ट रमेश दमानी (Ramesh Damani) का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के महत्वपूर्ण वैश्विक प्रभाव के कारण 2024 का अमेरिकी चुनाव 'दुनिया के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण चुनाव' है.
NDTV प्रॉफिट से एक खास बातचीत के दौरान रमेश दमानी ने कहा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रपति स्वतंत्र दुनिया का नेता होता है. ये चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज से तय किया जाएगा और बाकी 60-70 वोट हैं जो मायने रखते हैं'.
उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को जीतने के लिए, उन्हें 'ब्लू वॉल' को सुरक्षित करने की जरूरत होगी, ये शब्द आमतौर पर डेमोक्रेटिक स्टेट्स के बारे में बताने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो पिछली कई जीतों का मंत्र रहे हैं. खास तौर पर दो राज्य, आयोवा और न्यू हैम्पशायर चौंका सकते हैं. आयोवा एक ऐसा राज्य है जो शायद ही कभी डेमोक्रेटिक के पक्ष में जाता हो, लेकिन यहां पर हैरिस ने महत्वपूर्ण आधार हासिल किया है.
दमानी का कहना है 'आयोवा आम तौर पर डेमोक्रेट के लिए एक मुश्किल स्टेट रहा है, लेकिन आयोवा में कमला हैरिस आगे हैं जो एक डेमोक्रेट के लिए बहुत दुर्लभ है'. दमानी ने राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ उसकी तेजी से बदलती प्रकृति को लेकर कहा कि अब भी कई ऐसी चीजें हैं जिनके बारे में मालूम नहीं हैं, आखिर में इलेक्टोरल कॉलेज ही नतीजों को तय करेगा.
भारत में बाजार के खिलाड़ी ट्रंप की जीत के पक्ष में हैं, लेकिन दमानी के अनुसार, ये गलत हो सकता है, क्योंकि 'अमेरिका की भूमिका के बारे में उनका नजरिया बहुत ही अंदरूनी अन-सेक्युलर है.'
दमानी ने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद ये अमेरिका ही था, जिसकी वजह से दुनिया में समृद्धि आई, उन्होंने ग्लोबल ट्रेड और स्थिरता को बनाए रखने में अमेरिका की भूमिका पर जोर देते हुए कहा 'अमेरिका अप्रवासियों की भूमि है... और उस विशेषता को हटाना बहुत नुकसानदायक होग. मैं संतुलन पर, कमला हैरिस को प्राथमिकता दूंगा.'
अमेरिका के राष्ट्रपतियों का शेयर बाजार पर क्या असर होता है, इसे लेकर भी दमानी ने बताया कि इक्विटी के लिए दो सबसे अच्छे समय बिल क्लिंटन और बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान थे. जो बाइडेन के चार साल और ट्रंप के चार साल के बीच, डाओ जोंस के प्रदर्शन में कोई बड़ा अंतर नहीं आया है.'
दमानी ने कहा 'मुझे यकीन नहीं है कि ट्रंप अगर दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए तो वो क्या लेकर आएंगे, क्योंकि मैं इसे लेकर बहुत आशंकित हूं...वो राष्ट्रपति नहीं बल्कि अमेरिका के पहले सम्राट होंगे. अगर वो इस बार जीतते हैं, तो वो अपने आप में एक पूर्ण शक्ति बन जाएंगे.' उन्होंने कहा, किसी भी भविष्य के राष्ट्रपति के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक अमेरिका के बढ़ते राष्ट्रीय कर्ज का हल निकालने पर होगा.
ऐसे समय में जब वैश्विक और घरेलू बाजार अस्थिरता का सामना कर रहे हैं, दमानी भारत की आर्थिक संभावनाओं को लेकर आशावादी बने हुए हैं. उन्होंने कहा 'बाजार थोड़ा थका हुआ है; ये एक मैराथन दौड़ रहा है. हमें साल की आखिरी तिमाही सुस्त दिख सकती है और फिर अगली तिमाही ज्यादा उत्साह से भीर होगी. मुझे लगता है कि बाजार अपने भार से गिर रहा है , अमेरिका या अन्य कारकों के कारण नहीं.'
दमानी ने लंबी अवधि के निवेशकों को भी इस दिशा में बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा 'भारत में निवेश करना फायदेमंद है. अस्थिरता कारोबार का एक हिस्सा है. जरूरी बात ये है कि अच्छे बिजनेस में निवेश करते रहें और अस्थिरता से बाहर निकलें'. उन्होंने उदाहरण के तौर पर PSU का हवाला देते हुए समझाया कि 'PSU बास्केट 20 गुना बढ़ गया है, और अब हम जो देख रहे हैं वह सिर्फ एक करेक्शन है.