अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव एक बेहद कड़े मुकाबले की ओर बढ़ रहा है, जहां रिपब्लिकन उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर है.
अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव दुनिया के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है और क्यों हर किसी की नजर इस पर टिकी हुई है. इनकी हार-जीत का दुनिया पर क्या असर पड़ेगा, ये जानने के लिए जरूरी है कि दोनों पार्टियों की विचारधारा और उनके फर्क को समझा जाए.
डेमोक्रेटिक पार्टी को 1820 में स्थापित किया गया था. रिपब्लिकन पार्टी, जिसे ग्रैंड ओल्ड पार्टी (Grand Old Party) के रूप में भी जाना जाता है, की स्थापना 1854 में हुई थी. पार्टी को राइट-ऑफ-सेंटर के रूप में पहचाना जाता है. अमेरिकी चुनावी इतिहास में रिपब्लिकन ने 19 बार राष्ट्रपति पद संभाला है. इसके विपरीत डेमोक्रेट से 16 राष्ट्रपति रहे हैं.
डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के आर्थिक नीति और टैक्सेशन के बीच एक बड़ा अंतर है. डेमोक्रेट आमतौर पर एक प्रोग्रेसिव टैक्स सिस्टम की वकालत करते हैं, जहां ज्यादा कमाई करने वाले ज्यादा टैक्स देते हैं. डेमोक्रेट का ये मानना है ये हाई टैक्सेशन सामाजिक कार्यक्रमों को गति देने में मदद करता है और आय असमानता को कम करता है.
दूसरी ओर, रिपब्लिकन सभी आय वर्गों में कम टैक्स वसूली का समर्थन करते हैं. उनका तर्क है कि इससे आर्थिक विकास में तेजी आती है और निवेश को बढ़ावा मिलता है. ये सिस्टम व्यक्तियों और बिजनेस यानी कंपनियों को अपनी कमाई का अधिक हिस्सा अपने पर रखने की अनुमति देता है.
जबकि डेमोक्रेट अक्सर बिजनेस को रेगुलेट करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक बड़ी सरकारी भूमिका का समर्थन करते हैं, जबकि रिपब्लिकन सीमित सरकारी हस्तक्षेप पक्षधर हैं, इनका मानना है कि इससे विकास को ज्यादा गति मिलती है.
डेमोक्रेट राष्ट्रपति ओबामा के तहत पेश किए गए अफोर्डेबल केयर एक्ट का समर्थन करते हैं, जिसका उद्देश्य सभी अमेरिकियों के लिए सस्ता हेल्थकेयर देना है. उनका मानना है कि हेल्थकेयर एक नागरिक अधिकार है.
रिपब्लिकन इसके लिए एक मार्केट-ओरिएंटेड हेल्थकेयर सिस्टम पसंद करते हैं और व्यक्तियों को अपने और परिवार के लिए बीमा योजनाओं को खरीदने पर जोर देते हैं.
अबॉर्शन जैसे मुद्दों पर, डेमोक्रेट आमतौर पर प्रो-चॉइस पॉलिसी का समर्थन करते हैं और रीप्रोडक्टिव अधिकारों की वकालत करते हैं. ये मानते हैं कि इन निर्णयों को लोगों पर छोड़ दिया जाना चाहिए. वहीं रिपब्लिकन पार्टी में कई नेता या प्रतिनिधी गर्भपात पर अधिक प्रतिबंधों का समर्थन करते हैं.
LGBTQ+ अधिकारों पर, डेमोक्रेट उन नीतियों का समर्थन करते हैं जो LGBTQ+ व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करती हैं. रिपब्लिकन के पास अपनी पार्टी के भीतर इस मामले पर कई अलग-अलग विचार है, जिसमें कुछ सदस्य पारंपरिक मूल्यों पर जोर देते हैं और तो अधिक समावेशी मूल्य का समर्थन करते हैं, यानी कुछ रिपब्लिकन नेता ही LGBTQ+ अधिकारों के समर्थक हैं.
डेमोक्रेट आमतौर पर कानून में बदलाव और सामाजिक न्याय नीतियों में सुधार की वकालत करते हैं, जबकि रिपब्लिकन कानून और व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर देते हैं.
क्लाइमेट चेंज और पर्यावरण नीति प्रमुख मुद्दे हैं जहां दोनों पक्ष काफी अलग हैं. डेमोक्रेट क्लाइमेट चेंज को एक महत्वपूर्ण मुद्दा मानते हैं और उन नीतियों की वकालत करते हैं जो ग्रीनहाउस गैस एमिशन को कम करते हैं और रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देते हैं.
इसके विपरीत, रिपब्लिकन क्लाइमेट चेंज पर आर्थिक विकास को प्राथमिकता देने की अधिक संभावना रखते हैं. वे अक्सर उन नीतियों की वकालत करते हैं जो सरकारी जनादेश के बजाय प्राइवेट सेक्टर का समर्थन करते हुए फॉसिल फ्यूल के उपयोग के समर्थक हैं.
विदेश नीति के मामले में, दोनों पक्ष आम तौर पर रणनीतिक गठजोड़ की आवश्यकता पर सहमत हैं, लेकिन उनके विचार अलग-अलग है. डेमोक्रेट मल्टीलेटरल कूटनीति, NATO जैसे गठबंधनों और ग्लोबल संगठनों में भागीदारी का समर्थन करते हैं. उनका मानना है कि कूटनीति और सहयोग के माध्यम से अमेरिका के प्रभाव को बढ़ाया जाना चाहिए.
पिछले एक दशक में रिपब्लिकन ने युद्धों और संघर्षों से बाहर निकलने पर ध्यान केंद्रित किया है जो सीधेतौर पर अमेरिका को प्रभावित नहीं करते हैं. जबकि इजरायल (Israel) के लिए उनका समर्थन पक्का है, पार्टी रूस के खिलाफ युद्ध के बीच यूक्रेन को भेजी गई सहायता की आलोचना करती रही है. ट्रंप के नेतृत्व में पार्टी का NATO जैसी संस्थाओं पर आलोचनात्मक दृष्टिकोण की है.
शिक्षा और इमीग्रेशन में भी दोनों पक्ष अलग हो जाते हैं. डेमोक्रेट अक्सर सरकारी शिक्षा की वकालत करते हैं और उच्च शिक्षा को और अधिक किफायती बनाने के उद्देश्य से नीतियों का समर्थन करते हैं, जिसमें कर्ज-राहत प्रोग्राम भी शामिल है. रिपब्लिकन अक्सर स्कूल चॉइस पॉलिसी (school choice policies) की नीतियों की वकालत करते हैं, जैसे कि चार्टर स्कूल और वाउचर प्रोग्राम.
बात करें इमीग्रेशन की तो डेमोक्रेट आमतौर पर इमीग्रेशन में सुधारों का समर्थन करते हैं, जिसमें Dreamers लिए सुरक्षा शामिल है. रिपब्लिकन, इसके विपरीत, सख्त सीमा सुरक्षा और इमीग्रेशन कानूनों पर ध्यान केंद्रित करते हैं.
आगामी चुनाव इन सभी मुद्दों पर टिका होगा, दोनों उम्मीदवारों के अलग-अलग दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करते हैं और जो जीतेगा वो आने वाले सालों में अमेरिका को आकार देगा.