आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर इन दिनों खूब हल्ला मचा हुआ है. हर कोई कह रहा है कि इससे नौकरियां जाएंगी. मगर सच्चाई इसके उलट है. भारत में टेक्नोलॉजी सेक्टर में अगले दो साल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), जनरेटिव AI और एनालिटिक्स में नौकरियों के 1.2 लाख मौके बनेंगे.
ये नौकरियां मुख्य रूप से टेक सर्विसेज, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC), प्योर प्ले AI और एनालिटिक्स, स्टार्टअप और टेक प्रोडक्ट कंपनियों में पैदा होंगी.
टेक सेक्टर में हायरिंग पिछले एक साल से काफी धीमी रही है. कई जानकार AI को कंपनियों में हो रही छंटनी का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जबकि ताजा रिसर्च के मुताबिक AI टेक्नोलॉजी को अपनाने से एक साथ नई तरह की भूमिकाएं और अवसर पैदा हो रहे हैं.
मार्केट इंटेलिजेंस फर्म अनअर्थइनसाइट के CEO गौरव वासु ने कहा, "हम अगले 2 सालों में AI (Gen AI) और एनालिटिक्स के लिए 120,000 से 150,000 नौकरियों का अनुमान लगाया है, क्योंकि भारतीय IT इंडस्ट्री ग्राहकों के लिए AI एप्लिकेशन बना रही है, ये AI रीसर्चर, एप्लिकेशन स्पेशलिस्ट, AI प्रोडक्ट मैनेजर से AI कंसल्टेंट तक नई जॉब रोल पैदा करेगा.
देश में फिलहाल करीब 4 लाख AI इंजीनियर हैं, लेकिन मांग 6 लाख की है, इंडस्ट्री का अनुमान है कि 2026 तक 10 लाक इंजीनियर्स की मांग होगी. टीमलीज डिजिटल का कहना है कि ये उछाल IT, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर और फाइनेंस जैसे इंडस्ट्री में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन से है.
टीमलीज डिजिटल के कृष्णा विज ने कहा, "ये अनुमान लगाया गया है कि अगले दो सालों में अकेले भारत में लगभग 90,000 से 120,000 नए AI जॉब रोल खुलेंगे. हेल्थकेयर, ई-कॉमर्स, बैंकिंग जैसे सेक्टर्स में AI को तेजी से अपना रहे हैं.
कृष्ण गौतम, बिजनेस हेड - डायरेक्ट हायरिंग IT, Xpheno ने कहा, "भारत में अनुभवी AI इंजीनियरिंग की कमी को देखते हुए लगभग 80% AI जॉब्स प्रीमियम कंपनसेशन पैकेज को आकर्षित करते हैं. भारत में अनुभवी AI टैलेंट वर्तमान में कम है, जिस गति से टैलेंट अपस्किलिंग हो रही है, उसे देखते हुए लगता है आने वाले 2 से 3 सालों के लिए इनकी मांग बनी रहेगी और इन्हें ज्यादा पैकेज भी मिलेगा.
AI नौकरी के लिए अप्लाई करने वाले एप्लीकेंट के पास स्किल्स सेट होना जरूरी है. विज ने कहा कि एप्लीकेंट में पायथन, आर, जावा या सी ++ , गणित और स्टैटिस्टिक्स की अच्छी समझ और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम में विशेषज्ञता शामिल है. AI सिक्योरिटी और जनरेटिव मॉडल से परिचित होना, विशेष रूप से LLM जैसे GPT महत्वपूर्ण है. क्लाउड प्लेटफॉर्म और बिग डेटा टूल से परिचित होना भी जरूरी है.