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भारत में एंट्री के लिए अमेजॉन की काइपर को मिलेगी मंजूरी, जल्द जारी हो सकता है लेटर ऑफ इंटेंट

काइपर (Kuiper) भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करना चाहती है. सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के लिए उसे DoT मंजूरी दे सकता है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी05:09 PM IST, 16 May 2025NDTV Profit हिंदी
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अमेजॉन (Amazon) की काइपर को भारत में एंट्री के लिए मंजूर मिलेगी. NDTV Profit को सूत्रों ने बताया कि काइपर (Kuiper) भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करना चाहती है. सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के लिए उसे DoT मंजूरी दे सकता है. DoT काइपर को लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) जल्द जारी कर सकता है.

18-24 महीने में शुरू होंगी काइपर की सेवाएं

एलन मस्क की स्टारलिंक भी भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करेगी. स्टारलिंक को कुछ दिन पहले ही DoT से लेटर ऑफ इंटेंट मिल चुका है. काइपर भारत में दूसरा सबसे बड़ा सैटेलाइट इंटरनेट प्रोवाइडर बन जाएगा. काइपर की इंटरनेट सेवाएं अगले 18-24 महीनों में चालू होने की संभावना है.

जियोफाइबर की रणनीति अपनाएगी काइपर

काइपर जियोफाइबर जैसी ट्रायल लॉन्च स्ट्रैटेजी पर विचार कर सकती है. शुरुआत में ग्राहकों को मुफ्त या सस्ते डिवाइस उपलब्ध करा सकती है. कंपनी 3,200 से ज्यादा सैटेलाइट्स लॉन्च करने की योजना बना रही है. इससे ये क्षमता के मामले में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी. ग्राउंड स्टेशन बनाने के लिए कंपनी 7 से अधिक जगहों को अंतिम रूप दे रही है.

मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, 'अमेजॉन भारतीय बाजार का बारीकी से अध्ययन कर रही है, जिससे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के लिए किफायती सैटेलाइट कनेक्शन उपलब्ध कराए जा सकें.'

कम लागत वाले डिवाइस पर काम जारी

कंपनी कॉम्पैक्ट, कम लागत वाले सैटकॉम डिवाइस की खोज कर रही है. ऐसी उम्मीद है कि रोलआउट के दौरान डिवाइस मुफ्त या भारी छूट पर पेश किए जाएंगे, ठीक वैसे ही जैसे जियो ने टेलीकॉम सेक्टर में धमाकेदार एंट्री की थी.

जानकार लोगों ने ये भी कहा, 'जियोफाइबर की तरह अमेजॉन काइपर और स्टारलिंक दोनों भारत में परीक्षण-आधारित लॉन्च का मूल्यांकन कर रहे हैं. विचार ये है कि देशभर में विस्तार करने से पहले बाजार की प्रतिक्रिया और ऑपरेशन से जुड़ी तैयारी का परीक्षण किया जाए.'

रेगुलेटरी मोर्चे पर काइपर स्टारलिंक के बाद भारत की सैटेलाइट इंटरनेट नीति या GMPCS (सैटेलाइट द्वारा वैश्विक मोबाइल व्यक्तिगत संचार) के तहत LoI हासिल करने वाली दूसरी वैश्विक कंपनी है.

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