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कंज्‍यूमर स्‍टार्टअप्‍स पर पीयूष गोयल की टिप्‍पणी ने छेड़ी बहस! जेप्‍टो के CEO ने दिया जवाब, पई ने भी की आलोचना

गोयल ने देश के स्‍टार्टअप इकोसिस्‍टम की आलोचना करते हुए कहा, 'क्या हमें सिर्फ डिलीवरी बॉय बनाने तक सीमित रहना चाहिए?'
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी01:20 PM IST, 04 Apr 2025NDTV Profit हिंदी
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दिल्‍ली के भारत मंडपम में चल रहे स्‍टार्टअप महाकुंभ (Startup Mahakumbh 2025) में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की आलोचनात्‍मक टिप्‍पणी ने बहस छेड़ दी है. गोयल ने देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम की आलोचना की, जिसके बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है.

ई-कॉमर्स कंपनी Zepto के CEO आदित पालीचा और इंफोसिस के पूर्व CFO मोहनदास पई ने गोयल की टिप्‍पणी की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर अपनी राय रखी है.

सबसे पहले ये जान लेते हैं कि पीयूष गोयल ने आखिर ऐसा क्‍या कह दिया!

दरअसल, उन्‍होंने देश के स्‍टार्टअप इकोसिस्‍टम की चीन से तुलना करते हुए कहा, 'क्या हमें आगे बढ़ना चाहिए या सिर्फ डिलीवरी बॉय और गर्ल्स बनने तक सीमित रहना चाहिए?' उनका इशारा भारत में कंज्‍यूमर स्टार्टअप्स के बढ़ते प्रभाव की ओर था, जिसमें Zepto भी एक बड़ा नाम है.

पालीचा बोले- आसान है आलोचना करना

क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्‍टो के CEO आदित्‍य पालीचा ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि आलोचना करना आसान है. उन्‍होंने कहा, 'भारत तकनीकी क्रांति में पिछड़ रहा है क्योंकि मजबूत इंटरनेट कंपनियां नहीं हैं.'

उन्‍होंने X पोस्ट में लिखा, 'कंज्यूमर स्टार्टअप्स ने भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान दिया है. इन्होंने हजारों नौकरियां पैदा की हैं, टैक्स के जरिए सरकार की आय बढ़ाई है और सप्लाई चेन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है.'

आगे उन्‍होंने सवाल उठाया कि भारत में अभी तक कोई बड़ा AI मॉडल नहीं बना, क्योंकि यहां मजबूत इंटरनेट कंपनियां नहीं हैं. उन्होंने तर्क दिया कि पिछले दो दशकों में तकनीकी नवाचार उपभोक्ता इंटरनेट कंपनियों से ही आया है.

उन्होंने अपनी पोस्‍ट में कुछ उदाहरण भी दिए. कहा,

  • क्लाउड कंप्यूटिंग को किसने बढ़ाया? अमेजन (जो शुरुआत में एक कंज्यूमर इंटरनेट कंपनी थी).

  • AI के बड़े खिलाड़ी कौन हैं? फेसबुक, गूगल, अलीबाबा, टेनसेंट.

पालीचा ने कहा कि भारत को अपनी इंटरनेट कंपनियां खड़ी करनी होंगी, जो डेटा, टैलेंट और पूंजी का सही इस्तेमाल करें.

उन्होंने सरकार से अपील की कि ऐसी कंपनियों को बढ़ावा देने की जरूरत है, न कि उन्हें नीचे गिराने की.

'देश में आर्थिक बदलाव के लिए प्रतिबद्ध'

देश के सबसे युवा बिलियनेयर्स में से एक, 23 वर्षीय आदित्‍य पालीचा ने कहा कि उनका मकसद भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है.

उन्होंने कहा, 'मैं अपनी जिंदगी के आने वाले कुछ दशक भारतीय बाजार और अर्थव्यवस्था को उसी तरह मजबूत करने में लगाना चाहता हूं, जैसा अमेरिकी कंपनियों ने किया. हमारे पास टैलेंट और पूंजी है, बस इसे सही दिशा में लगाने की जरूरत है.'

इंफोसिस के पूर्व CFO ने भी की आलोचना

दिग्‍गज IT कंपनी इंफोसिस के पूर्व CFO मोहनदास पई ने भी गोयल के बयान की आलोचना की. उन्होंने X पोस्ट में लिखा, 'भारत में चिप डिजाइन, IoT, रोबोटिक्स, EV चार्जिंग जैसे कई डीप-टेक स्टार्टअप्स तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन पूंजी कहां है?'

उन्होंने कहा, 'भारतीय स्टार्टअप्स को 2014 से 2024 के बीच 160 बिलियन डॉलर मिले, चीन को 845 बिलियन डॉलर, अमेरिका को 2.3 ट्रिलियन डॉलर. एंडोमेंट, बीमा जैसे लॉन्ग टर्म निवेशक आपके प्रयासों के बावजूद अभी भी निवेश नहीं करते हैं! कृपया इस स्थिति का समाधान करें.

वहीं, पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने कहा कि चीन जैसे विकसित इकोसिस्टम लंबे समय तक टिके रह सकते हैं. उन्होंने कहा, 'इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में चीन हमसे काफी आगे था. भारत नया खिलाड़ी है, हम जो सामने है उसी पर ध्यान दे रहे हैं.'

शर्मा ने ये भी कहा कि भारत में मौजूदा अवसरों का उपयोग किया जा रहा है ताकि लॉन्‍ग टर्म डेवलपमेंट को समर्थन देने के लिए पर्याप्त धन जुटाया जा सके.

ये पहली बार नहीं है जब पीयूष गोयल ने ई-कॉमर्स कंपनियों को आड़े हाथों लिया है. पिछले साल सोशल मीडिया पर कंज्‍यूमर्स की शिकायतों के बाद पीयूष गोयल ने भी ई-कॉमर्स दिग्गजों पर गलत कीमत निर्धारण (Predatory Pricing) के आरोप लगाए थे.

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