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स्पेस स्टार्टअप अग्निकुल ने रचा इतिहास, Agnibaan रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च, PM मोदी ने दी बधाई

इसमें दुनिया के पहले 3D प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया गया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी01:24 PM IST, 30 May 2024NDTV Profit हिंदी
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चेन्नई स्थित स्पेस स्टार्टअप अग्निकुल (Agnikul) ने गुरुवार को अग्निबाण SOrTeD रॉकेट (Agnibaan SOrTeD) का अपने ही लॉन्च पैड से सफल सब-ऑर्बिटल परीक्षण किया है. अग्निबाण को स्टार्टअप अग्निकुल ने देश में ही तैयार किया है. इसके बाद अग्निकुल भारत में सफल परीक्षण करने वाली दूसरी प्राइवेट कंपनी बन गई है.

PM मोदी ने दी बधाई

PM मोदी ने अग्निकुल की इस उपलब्धि पर बधाई दी है. उन्होंने X पर लिखा है कि - एक उल्लेखनीय उपलब्धि जिस पर पूरे देश को गर्व होगा!

दुनिया के पहले सिंगल-पीस 3D प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक इंजन से संचालित अग्निबाण रॉकेट का सफल प्रक्षेपण भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है और हमारी युवा शक्ति की प्रतिभा का प्रमाण है.

सतीश धवन स्पेस सेंटर में हुआ परीक्षण

इसके पहले चार बार फेल होने के बाद ISRO के सतीश धवन स्पेस सेंटर में टेस्ट फ्लाइट का सफल परीक्षण किया गया. ISRO ने X पर पोस्ट में लिखा, 'अग्निकुल कॉस्मॉस को अग्निबाण SoRTed-01 के सफल लॉन्च की बधाई. आपने एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के साथ सेमी-क्रायोजेनिक लिक्विड इंजन पर पहली कंट्रोल्ड फ्लाइट के साथ एक बड़ा मुकाम हासिल किया है'.

IN-SPACe के चेयरमैन पवन गोयनका (Pawan Goenka) ने ट्विटर पर लिखा, 'अग्निकुल कॉस्मॉस ने अग्निबाण SOrTeD का सफल परीक्षण किया है. भारत के स्पेस सेक्टर के लिए ये ऐतिहासिक लम्हा है. दुनिया के पहले 3D प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक इंजन की मदद से ये सफलता पाना युवा इनोवेटर्स की सूझ-बूझ को दिखाता है'.

अग्निबाण अपने आप में कस्टमाइजेबल 2-स्टेज वाला लॉन्च व्हीकल है, जो 300 किलोग्राम तक का सामान 700 किलोमीटर तक ऊपर ले जा सकता है.

इसके रॉकेट में सेमी-क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें लिक्विड और गैस प्रोपेलेंट्स होते हैं. ISRO की तरफ से इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अभी तक नहीं किया गया है.

SOrTeD मिशन एक सिंगल स्टेज लॉन्च व्हीकल परीक्षण था, जिसे सेमी-क्रायोजेनिक इंजन से सपोर्ट दिया गया था. इसमें अग्निलेट नाम का सब-कूल्ड लिक्विड ऑक्सीजन आधारित प्रोपल्शन सिस्टम भी अलग से तैयार किया गया था.

सॉफ्टवेयर भी बनाया स्टार्टअप ने

अग्निकुल ने पहली बार ईथरनेट पर आधारित एविऑनिक्स आर्किटेक्चर (ethernet based avionics architecture) बनाया और ऑटोपायलट सॉफ्टवेयर भी तैयार किया है.

सब-कूल्ड लिक्विड ऑक्सीजन (LOX) और एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की मदद से बनाए गए व्हीकल में 4 कार्बन कंपोजिट फिन हैं, जिनसे कंट्रोल मिलता है.

अग्निलेट इंजन दुनिया का पहला सिंगल पीस 3D प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन है.

2 मिनट में मिशन पूरा

  • ये मिशन लॉन्च शुरू होने से स्प्लैशडाउन तक 2 मिनट का समय लगता है.

  • इंजन शुरू होने के बाद व्हीकल 4 सेकेंड में उड़ान भरता है.

  • इसमें व्हीकल अपनी स्पीड तो बढ़ाता ही है, इसके साथ अपनी दिशा भी बदलता है.

  • 39 सेकेंड के अंदर व्हीकल वायुमंडल से ऊपर निकल जाता है. इसके बाद व्हीकल हवा से जुड़े इफेक्ट को बंद कर देता है.

  • 1 मिनट 29 सेकेंड में लॉन्च व्हीकल अपोजी (apogee) तक पहुंच जाता है, जो लॉन्च साइट से सबसे ज्यादा दूरी पर है. पूरे 2 मिनट में ये व्हीकल स्प्लैश डाउन हो जाता है, जहां पर मिशन पर पूरा होता है.

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