भारत के भविष्य के यूनिकॉर्न की तस्वीर में बड़ा रद्दो-बदल देखने को मिला है. हुरुन इंडिया फ्यूचर यूनिकॉर्न इंडेक्स 2024 से 25 होनहार स्टार्टअप्स बाहर हो गए हैं. ऐसा तब हो रहा है जब भारत के फ्यूचर यूनिकॉर्न का कुल वैल्युएशन बढ़कर 58 बिलियन डॉलर हो गया है, जो कि सालाना आधार पर 1.8% की ग्रोथ को दर्शाता है.
इस 'ASK Private Wealth Hurun India Future Unicorn Index 2024' इंडेक्स से कुछ ऐसे हाई-प्रोफाइल स्टार्टअप्स बाहर हुए हैं, जिन्हें लेकर एक समय ये माना जा रहा था कि वो यूनिकॉर्न क्लब का हिस्सा होंगे. इसमें बाइक टैक्सी प्लेटफॉर्म रैपिडो, क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म डंजो और रिमोट मेडिकल कंसल्टेशन ऐप प्रैक्टो जैसे स्टार्टअप उस लिस्ट में शामिल हैं, जिन्हें इस इंडेक्स से बाहर कर दिया गया है.
इसके अलावा लॉजिस्टिक्स में कोगोपोर्ट ( CogoPort), फिनटेक में नियोग्रोथ (NeoGrowth) और इलेक्ट्रिक वाहनों में सिंपल एनर्जी (Simple Energy) जैसे स्टार्टअप को भी मार्केट डायनामिक्स, रणनीतिक बदलाव और वित्तीय चुनौतियों सहित कई वजहों के चलते रेस से बाहर होना पड़ा है. मीडिया और एंटरटेनमेंट गाना, सोशल मीडिया में कू और ई-कॉमर्स में बिजोंगो भी अपनी रफ्तार को कायम नहीं रख सके और इंडेक्स से बाहर हो चुके हैं.
हुरुन इंडिया फ्यूचर यूनिकॉर्न इंडेक्स 2024 से बाहर होने वाले स्टार्टअप की लिस्ट में ये नाम भी शामिल हैं
फिनटेक, ई-कॉमर्स, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर और कई अन्य क्षेत्रों में फैली इन कंपनियों में से हर एक को अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिस वजह से उन्हें इंडेक्स से बाहर होने पड़ा है. इस लिस्ट से बाहर होना भारत के कंपटीटिव स्टार्टअप इकोसिस्टम में आगे बढ़ने की मांग की प्रकृति को दिखाता है. जहां बाजार के डायनामिक्स, परिचालन क्षमता और फंडिंग स्थिरता जैसी वजहें लंबी अवधि में सफलता हासिल करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं.
इस बीच ट्रैवेल प्लेटफॉर्म Ixigo ने IPO का विकल्प चुना, जिस वजह से ये फ्यूचर यूनिकॉर्न की कैटेगरी से बाहर हो गया.
रिपोर्ट के अनुसार 'फ्यूचर यूनिकॉर्न' 2000 दशक के स्टार्टअप हैं, जिनकी वैल्युएशन 200 मिलियन और 1 बिलियन डॉलर के बीच है, जिन्हें अभी तक सार्वजनिक रूप से लिस्ट नहीं किया गया है, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, स्टार्टअप कई वजहों से लिस्ट से बाहर हो सकते हैं. जिनमें IPO के जरिए पब्लिक होना, किसी से अधिग्रहण किया जाना, या तय सीमा से नीचे वैल्युएशन गिरना शामिल है.
हुरुन रिसर्च को 31 शहरों से 152 भारतीय फ्यूचर यूनिकॉर्न मिले. इनमें से औसतन सभी की शुरुआत साल 2015 में की गई थी. जिनमें से ज्यादातर सॉफ्टवेयर और सर्विसेज बेचते थे. केवल 18% ही थे, जो फिजिकल प्रोडक्ट में डील करते थे, जबकि 44% बिजनेस में थे. जबकि 56% कंज्यूमर फेसिंग बिजनेस में थे.
भारत में इस वक्त 67 यूनिकॉर्न हैं, 46 गजेल और 106 चीता है, जबकि साल 2023 के इंडेक्स में 68 यूनिकॉर्न, 51 गजेल और 96 चीता थे.
47 फ्यूचर यूनिकॉर्न में निवेश करने के बाद, पीक XV पार्टनर्स ASK प्राइवेट वेल्थ हुरुन इंडिया फ्यूचर यूनिकॉर्न इंडेक्स 2024 में सबसे सक्रिय निवेशक बना हुआ है और उसके बाद 25 फ्यूचर यूनिकॉर्न में हिस्सेदारी के साथ एक्सेल (Accel) का नंबर है.
आनंद चन्द्रशेखरन लीडिंग एंजेल इन्वेस्टर हैं, जो 20 फ्यूचर यूनिकॉर्न का सपोर्ट करते हैं. उनके बाद कुणाल बहल हैं, जो स्नैपडील के फाउंडर के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने 11 फ्यूचर यूनिकॉर्न में निवेश किया है.
हुरुन इंडिया फ्यूचर यूनिकॉर्न इंडेक्स 2024 के भीतर 106 चीता शामिल हैं, जो कि अपनी हाई ग्रोथ क्षमता की विशेषता की वजह से हैं. जिन्हें सामूहिक रूप से 12.4 बिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल हैं. इंडेक्स में शामिल इन चीतों के वैल्युएशन में साल-दर-साल 10% की ग्रोथ दर्ज हुई है. इसमें 22-फिनटेक स्टार्ट-अप हैं, इसके बाद 14 SaaS और 11 ई-कॉमर्स हैं.
भारतीय यूनिकॉर्न इको-सिस्टम में लगभग 95% यूनिकॉर्न ASK प्राइवेट वेल्थ हुरुन इंडिया फ्यूचर यूनिकॉर्न इंडेक्स से आए हैं. विंटर फंडिंग ने पिछले 2 वर्षों में प्रोमोशन की संख्या पर रोक लगा दी है. नीचे दिया गया चार्ट पिछले कुछ वर्षों में प्रमुख प्रोमोशंस को दर्शाता है
टॉप लीडिंग सेक्टर्स में फिनटेक ने पिछले वर्ष की तुलना में नए फ्यूचर यूनिकॉर्न बनाने में 50% की ग्रोथ देखी है.