भारत-पाक तनाव के बीच वित्त मंत्री की आज सभी बैंकों के MD और CEO के साथ मीटिंग हुई. इस मीटिंग में UPI से लेकर साइबर सिक्योरिटी पर चर्चा की गई. जब से दोनों देशों के बीच टेंशन बढ़ी है, तभी से साइबर अटैक का खतरे में भी इजाफा हो रहा है. मीटिंग में वित्तमंत्री ने साफ कहा है कि साइबर सिक्योरिटी को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए.
बैठक के दौरान वित्तमंत्री सीतारमण ने चुनौतीपूर्ण समय में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. केंद्रीय वित्त मंत्री ने सभी बैंकों को किसी भी स्थिति या संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क और तैयार रहने का निर्देश दिया, जिससे देश के आम नागरिक को कोई समस्या ना हो.
वित्त मंत्री ने बैंकों से कहा कि नागरिकों और व्यवसायों को परेशानी न हो, इसके लिए एटीएम में कैश, यूपीआई और इंटरनेट बैंकिंग सेवा बिना रुके देश में चलती रहनी चाहिए.
साथ ही वित्तमंत्री ने साइबर सेफ्टी सिस्टम और डेटा सेंटर का ऑडिट करने के निर्देश दिए. आपको बताते चलें कि सभी डिजिटल और कोर बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से फायरवॉल किए गए हैं. जिससे साइबर अटैक से बचा जा सके.
इसके अलावा साइबर, ऑपरेशनल मामलों के लिए मुख्यालय में 2 वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा. जो एक साइबर-संबंधित मामले और दूसरा बैंक शाखाओं के कामकाज और एटीएम में कैश का ध्यान रखेगा.
बैंकों को वित्त मंत्री ने ये निर्देष दिए कि सभी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक, CERT-In और संबंधित सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करें. जिससे ग्राहकों के लिए कोई भी समस्या ना खड़ी हो. संकट के इस समय आरबीआई को हर तरह की जानकारी शेयर की जाए.