बिहार सरकार (Bihar Government) को आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से तगड़ा झटका लगा है. दरअसल SC ने पटना हाई कोर्ट के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 65% किए जाने के राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगा दी गई थी. अब इस मामले में सितंबर में सुनवाई होगी.
बिहार सरकार द्वारा पिछले साल राज्य में जातिगत सर्वे किए जाने के बाद राज्य में पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए कोटा 50% से बढ़ाकर 65% कर दिया गया था. इस कोटे का असर बिहार में नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों पर होना था.
20 जून को राज्य सरकार के फैसले को पटना हाई कोर्ट ने संविधान में उल्लेखित 'समानता का उल्लंघन' और इसे कानून के खिलाफ बताया था.
हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान साफ कहा कि कोर्ट को ऐसी कोई परिस्थितियां दिखाई नहीं देतीं, जिनके चलते सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंद्रा साहनी केस में तय की गई आरक्षण की अधिकतम सीमा का उल्लंघन किया जाना जरूरी है.
हाई कोर्ट ने कहा, 'राज्य ने महज अलग-अलग वर्ग की आबादी के आधार पर सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में कोटा देने का फैसला किया.'
सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर बिहार सरकार ने पटना हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी. सरकार का कहना था कि अगर अंतरिम राहत नहीं मिलती है, तो राज्य में बड़े पैमाने पर चल रही भर्ती प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है.